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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दुनिया में सबसे पहले बनाई गई वैक्सीन Sputnik V की डोज अब देश के 50 से अधिक शहरों और नगरों में उपलब्ध है.
Covid-19 Vaccine: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दुनिया में सबसे पहले बनाई गई वैक्सीन Sputnik V की डोज अब देश के 50 से अधिक शहरों और नगरों में उपलब्ध है. यह जानकारी आज डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज ने दी है. डॉ रेड्डी ने 14 मई को इस रशियन वैक्सीन की 14 मई को सॉफ्ट लॉन्च किया. सोमवार की रात किए गए ट्वीट में डॉ रेड्डीज ने कहा कि इससे आने वाले हफ्तों में इस वैक्सीन की कॉमर्शियल लांचिंग की स्थिति मजबूत होगी.
कंपनियां अपने प्रोडक्ट को पूरी तरह लॉन्च करने से पहले उसे कम तादाद में बाजार में उतारती हैं. ऐसा प्रोडक्ट को पूरी तरह से लॉन्च करने से पहले तैयारी के तौर पर किया जाता है, जिसे आम तौर पर सॉफ्ट लॉन्च भी कहते हैं. इससे कंपनियों को लॉन्च के बाद आने वाली दिक्कतों या अड़चनों का पहले से अंदाजा मिल जाता है और वे उन्हें आसानी से दूर कर पाती हैं. आम तौर पर सॉफ्ट लॉन्च का ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता. इसे एक तरह का रिहर्सल भी कह सकते हैं.
इन शहरों में सॉफ्ट लांच हुई रशियन वैक्सीन
डॉ रेड्डीज ने Sputnik V को सबसे पहले हैदराबाद में लांच किया था लेकिन अब यह देश भर के कई शहरों और नगरों में उपलब्ध है. कंपनी द्वारा जारी ट्वीट के मुताबिक इस वैक्सीन की डोज हैदराबाद, विजग, बेंगलूरु, मुंबई, नवी मुंबई, कोलकाता, दिल्ली एनसीआर, चेन्नई, मिरयालगुडा, विजयवाड़ा, बड्डी, कोल्हापुर, कोचि, रायपुर, चंडीगढ़, पुणे, नागपुर, नासिक, कोयंबटूर, रांची, जयपुर, लखनऊ, पटना, भुबनेश्वर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम, अहमदाबाद, राजकोट, पलक्कड़, इलाहाबाद, दीमापुर, कोहिमा, इंदौर, भोपाल, सूरत, कटक, धारवाड़, एर्नाकुलम, रतलाम, फरीदाबाद, श्रीनगर, गांधीनगर, वडोदरा, गुलबर्ग, मदुरै, गुंटूर, कन्नूर, जबलपुर, जालंधर, कानपुर और मैसूर में उपलब्ध है. वैक्सीनेशन के लिए कंपनी ने देश के कई प्रमुख अस्पतालों के साथ साझेदारी किया है.
12.5 करोड़ डोज के लिए हुई है साझेदारी
हाल ही में डॉ रेड्डीज को रशियन डायरेक्टर इंवेस्टेंट फंड (RDIF) से Sputnik V की करीब 30 लाख डोज प्राप्त हुई थी. डॉ रेड्डीज की आरडीआईएफ के साथ भारत में 12.5 करोड़ पीपुल डोज (25 करोड़ वॉयल्स) के लिए साझेदारी हुई है. भारतीय दवा नियामक डीजीसीआई ने रशियन वैक्सीन के रिस्ट्रिक्टेड इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी है. इस वैक्सीन को गामेलया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमॉयोलॉजी एंड माइक्रोबॉयोलॉजी ने विकसित किया है.