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Bhatia was appointed as the Sebi member by the Appointments Committee of the Cabinet (ACC) in March this year for an initial period of three years from his date of assumption.
SBI Hikes Lending Rate: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है. एसबीआई ने अपनी MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) में 10 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है. लेंडिंग रेट में यह बढ़ोतरी सभी टेन्योर के लिए है. बैंक के इस कदम से अब बॉरोअर्स के लिए कर्ज लेना मंहगा हो जाएगा और उन्हें ज्यादा EMI चुकाना होगा. एसबीआई ने एक महीने में MCLR में दूसरी बार बढ़ोतरी है. दोनों बढ़ोतरी को मिलाकर लेंडिंग रेट में अब तक 0.2 फीसदी का इजाफा हो गया है.
ये होंगी नई दरें
एसबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार नई MCLR दरें 15 मई से लागू हो गई हैं. इस संशोधन के बाद एक साल की MCLR 7.10 फीसदी से बढ़कर 7.20 फीसदी हो गई है. ज्यादातर कर्ज एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं. एक रात, एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़कर 6.85 फीसदी हो गई, जबकि छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 7.15 फीसदी हो गई. वहीं, दो साल की MCLR 0.1 फीसदी बढ़कर 7.40 फीसदी हो गई, जबकि तीन साल की एमसीएलआर बढ़कर 7.50 फीसदी हो गई.
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RBI ने रेपो रेट में किया था इजाफा
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था. जिसके बाद एसबीआई ने लेंडिंग रेट में इजाफा किया है. एसबीआई द्वारा कर्ज महंगा किए जाने के बाद अनुमान है कि आने वाले दिनों में दूसरे बैंक भी ऐसा करेंगे. इस बढ़ोतरी के चलते उन ग्राहकों की EMI बढ़ जाएगी, जिन्होंने MCLR पर कर्ज लिया है. हालांकि, जिन लोगों के लोन अन्य बेंचमार्क से लिंक्ड हैं, उनकी ईएमआई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. एसबीआई की एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट (EBLR) 6.65 प्रतिशत है, जबकि 1 अप्रैल से लागू रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) 6.25 प्रतिशत है. होम और ऑटो सहित किसी भी तरह का लोन देते समय बैंक EBLR और RLLR पर क्रेडिट रिस्क प्रीमियम (CRP) को जोड़ते हैं.
(इनपुट-पीटीआई)