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Delhi Earthquake : दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके, कई सेकंड तक हिलते रहे घर मकान

Delhi Earthquake News Today : दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह 9:06 मिनट के आस पास भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके कई सेकंड तक महसूस किए गए और इस दौरान घर मकान हिलते रहे.

Delhi Earthquake News Today : दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह 9:06 मिनट के आस पास भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके कई सेकंड तक महसूस किए गए और इस दौरान घर मकान हिलते रहे.

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FE Hindi Desk
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Earthquake : दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह 9:06 मिनट के आस पास भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. (representative image)

Strong Earthquake : दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार सुबह 9:06 मिनट के आस पास भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके कई सेकंड तक महसूस किए गए और इस दौरान घर मकान हिलते रहे. लोग डरकर घरों से बाहर आ गए. जानकारी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई है. वहीं भूकंप का केंद्र हरियाणा के रोहतक में था.

10 सेकेंड से अधिक तक महसूस हुए झटके

दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरूग्राम, फरीदाबाद के इलाकों में 10 सेकेंड से ज्यादा समय तक भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप (Delhi Earthquake) झटके महसूस होते ही कई इलाकों में लोग अपने घरों और इमारतों से बाहर निकल गए. हालांकि, अभी तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.

17 फरवरी को भी दिल्ली में आए थे झटके 

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इससे पहले, 17 फरवरी को दिल्ली और पूरे एनसीआर में सोमवार सुबह 5:35 बजे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. भूकंप के झटके इतने तेज थे कि जो लोग सो रहे थे, उनकी नींद खुल गई. तब भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था और इसकी गहराई 5 किलोमीटर बताई गई.

भूकंप आने की वजह क्या है?

पृथ्वी की सतह के नीचे या कहे कि धरती के अंदर हमेशा उथल-पुथल मची रहती है. धरती के अंदर मौजूद प्लेटें लगातार आपस में टकराती या दूर खिसक रही होती हैं. इस टक्कर के परिणामस्वरूप प्लेट्स के कोने मुड़ सकते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण वे टूट भी सकती हैं. ऐसे में, नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता खोजती है और यही ऊर्जा जब जमीन के अंदर से बाहर आती है, तो भूकंप आता है.

भूकंप का केंद्र क्या होता है?

रती की सतह के नीचे की वह जगह जहां पर चट्टानें आपस में टकराती हैं या टूटती हैं. भूकंप का केंद्र कहलाता है. इसे हाइपोसेंटर भी कहते हैं. इस केंद्र से ही ऊर्जा तरंगों के रूप में बतौर कंपन फैलती है और भूकंप आता है.

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