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SC on Haryana Violence: सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश, हरियाणा हिंसा के खिलाफ शांतिपूर्ण हो प्रदर्शन, हेट स्पीच पर लगे रोक

SC on Haryana Violence: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हेट स्पीच से माहौल खराब होता है, संवेदनशील क्षेत्रों में CCTV कैमरों या वीडियो रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल करें अधिकारी.

SC on Haryana Violence: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हेट स्पीच से माहौल खराब होता है, संवेदनशील क्षेत्रों में CCTV कैमरों या वीडियो रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल करें अधिकारी.

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FE Hindi Desk
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Protests against Haryana violence: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन करते VHP और बजरंग दल के कार्यकर्ता और समर्थक. (Photo : PTI, Aug 2, 2023)

Supreme Court on Haryana Violence: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हरियाणा में हुई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ हिंदू समूहों द्वारा आयोजित की जा रही रैलियों में किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत भरे भाषण न हों, यह देखना पुलिस की जिम्मेदारी है. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने हिंसा, लूटपाट और आगजनी जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस या अर्धसैनिक बल तैनात करने का निर्देश भी दिया है.

वीडियो रिकॉर्डिंग, CCTV कैमरों का इस्तेमाल हो : सुप्रीम कोर्ट

नफरती भाषण से जुड़े एक पेंडिंग केस में दायर अर्जेंट एप्लीकेशन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अपने आदेश में कहा, “पुलिस सहित अधिकारी सभी संवेदनशील क्षेत्रों में जहां भी आवश्यक हो, सीसीटीवी कैमरों का उपयोग करें या वीडियो रिकॉर्डिंग करें और ऐसे सीसीटीवी फुटेज और वीडियो को संभाल कर रखा जाए.” देश की सबसे बड़ी अदालत ने अपने इस आदेश की जानकारी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के स्थायी वकील को देने का निर्देश भी दिया है.

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हेट स्पीच से शांति भंग होती है: सुप्रीम कोर्ट

याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने कोर्ट को बताया कि सांप्रदायिक हिंसा को को लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन करने और जुलूस निकालने की अपील की गई है. इस पर न्यायमूर्ति खन्ना ने पूछा कि क्या इन जुलूस या रैलियों में भाषण वगैरह भी दिए जाएंगे, तो सीयू सिंह ने कहा कि इन आयोजनों को 'प्रदर्शन' कहा जा रहा है, जो दिल्ली में 23 जगहों पर हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि ये प्रदर्शन सुबह से लेकर शाम तक, अलग-अलग समय पर किए जा रहे हैं. बेंच की तरफ से पूछे गए एक सवाल के जवाब में सीयू सिंह ने कहा कि इनमें से कुछ प्रदर्शनों के दौरान नफरत भरे भाषण दिये भी गये हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने 21 अक्टूबर 2022 और जनवरी 2023 के आदेश में अधिकारियों को हेट स्पीच के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इस पर बेंच ने कहा कि इस बात पर कोई विवाद नहीं हो सकता कि नफरत भरे भाषणों से शांति भंग होती है.

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आदेश पर अमल हो : सुप्रीम कोर्ट

इसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा कि वे फौरन सरकारी अधिकारियों से संपर्क करके यह सुनिश्चित करें कि देश की सबसे बड़ी अदालत के आदेश पर अमल किया जाए और कोई हेट स्पीच न दी जाए. जस्टिस खन्ना ने कहा कि “अधिकारियों को इसकी जानकारी है. उन्हें कार्रवाई करनी ही होगी.''

विपक्ष के निशाने पर सरकार

इस बीच, कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा में हिंसा के मसले पर सरकार को घेरते हुए कहा कि जब गुरुग्राम, नूंह, सोहना में हिंसा हो रही थी, तो सरकार क्या कर रही थी?

सरकार की प्रशासनिक नाकामी : हुड्डा

हरियाणा के नेता और कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हिंसा की घटनाएं सरकार की प्रशासनिक नाकामी का नतीजा हैं. अगर उन्होंने समय पर कार्रवाई की होती और पुलिस की पर्याप्त संख्या में तैनात किया होता, तो ऐसे हालात नहीं बनते. हुड्डा ने कहा कि इस मसले पर दिए गए उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के बयान से भी प्रशासनिक नाकामी उजागर होती है.

दुष्यंत चौटाला ने क्या कहा?

दीपेंदर हुड्डा ने दुष्यंत चौटाला के जिस बयान की तरफ संकेत किया है, उसमें उप-मुख्यमंत्री ने कहा है कि नूंह में धार्मिक जुलूस निकालने वाले आयोजकों ने जिला प्रशासन को अपने कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के बारे में पूरी जानकारी मुहैया नहीं कराई थी, जिसके कारण ऐसे हालात बने. हरियाणा के नूंह और गुरुग्राम में हुई सांप्रदायिक हिंसा में कम से कम 6 लोग मारे जा चुके हैं. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि नूंह में जितने बड़े पैमाने पर हिंसा हुई, उससे लगता है कि इसके पीछे बड़ी साजिश थी. वहीं, हरियाणा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह का कहना है कि नूंह में अगर दोनों पक्षों के लोग हथियारों से लैस थे, तो इस बात की जांच करनी होगी कि ये हथियार कहां से आए?

Supreme Court Congress Narendra Modi