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प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन में ढिलाई पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा-सरकार को कामगारों की परवाह नहीं

अदालत ने कहा है कि असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों का रजिस्ट्रेशन जल्द से जल्द किया जाए. सरकार इस काम को 31 दिसंबर 2021 से पहले पूरा कर ले. अदालत का मानना है कि कोरोना महामारी के दौर में सरकार ने जो कल्याणकारी कदम उठाए हैं, उसका लाभ लेने के लिए यह पोर्टल जरूरी है.

अदालत ने कहा है कि असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों का रजिस्ट्रेशन जल्द से जल्द किया जाए. सरकार इस काम को 31 दिसंबर 2021 से पहले पूरा कर ले. अदालत का मानना है कि कोरोना महामारी के दौर में सरकार ने जो कल्याणकारी कदम उठाए हैं, उसका लाभ लेने के लिए यह पोर्टल जरूरी है.

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FE Online
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प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन में ढिलाई पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा-सरकार को कामगारों की परवाह नहीं

सु्प्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार असंठित क्षेत्र के मजदूरों के रजिस्ट्रेश के लिए तुरंत पोर्टल बनाए.

सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक वन नेशन, वन राशन कार्ड स्कीम लागू करने का आदेश देते हुए प्रवासी मजदूरों के प्रति सरकार की बेरुखी और लचर रवैये की कड़ी खिंचाई की है. अदालत ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय को प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल बनाने में दिखाई गई उदासीनता और लचर रवैये की कड़ी आलोचना की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंत्रालय नेशनल इनफॉरमेटिक्स सेंटर (NIC)से मशविरा कर 31 जुलाई तक प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल बनाने की प्रक्रिया पूरी कर ले.

अदालत ने कहा, असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों का रजिस्ट्रेशन जल्द हो

अदालत ने कहा है कि असंगठित क्षेत्र के सभी कामगारों का रजिस्ट्रेशन जल्द से जल्द किया जाए. सरकार इस काम को 31 दिसंबर 2021 से पहले पूरा कर ले. अदालत का मानना है कि कोरोना महामारी के दौर में सरकार ने जो कल्याणकारी कदम उठाए हैं, उसका लाभ लेने के लिए यह पोर्टल जरूरी है. जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने कहा सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे सभी कंपनियों और कांट्रेक्टर का रजिस्ट्रेशन करें. साथ ही यह भी सभी कांट्रेक्टर्स के लिए यह जरूरी करें कि वे अपने यहां काम कर रहे हैं सभी प्रवासी मजदूरों का पूरा ब्योरा दें.

पोर्टल न बनाने पर सरकार को अदालत की फटकार

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि असंगठित और प्रवासी मजदूरों के लिए पोर्टल न बना कर सरकार ने यह साबित किया है कि वह प्रवासी मजदूरों को लेकर चिंतित नहीं है. लेकिन सरकार की इस बेरुखी की इजाजत नहीं दी जा सकती है. अदालत ने केंद्र से कह कि वह राज्यों को अतिरिक्त राशन मुहैया कराए. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ( (PMGKAY) के जरिये लाभार्थियों के पांच किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है. अदालत ने कहा है कि महामारी को देखते हुए गरीबों की खाद्य सुरक्षा की गारंटी बेहद जरूरी है.

Supreme Court Migrants National Food Security Act Covid 19