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पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों में दावे किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट सख्‍त, भेजा अवमानना का नोटिस

Supreme Court on Patanjali: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है क‍ि पतंजल‍ि आयुर्वेद के व‍िज्ञापनों में परमानेंट रिलीफ शब्द ही अपने आप में भ्रामक है और कानून का उल्लंघन है. कोर्ट ने कहा क‍ि आज से आप कोई भ्रामक विज्ञापन नहीं देंगे

Supreme Court on Patanjali: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है क‍ि पतंजल‍ि आयुर्वेद के व‍िज्ञापनों में परमानेंट रिलीफ शब्द ही अपने आप में भ्रामक है और कानून का उल्लंघन है. कोर्ट ने कहा क‍ि आज से आप कोई भ्रामक विज्ञापन नहीं देंगे

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FE Hindi Desk
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Patanjali Ayurved Advertisements

Supreme Court: कोर्ट ने चेताया है कि प्रिंट या अन्य मीडिया में किसी भी रूप में किसी भी चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ बयान ना दें. (Reuters)

Patanjali Ayurved News: बीमारियों के इलाज पर  विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने योग गुरू बाबा रामदेव (Yog Guru Baba Ramdev) के पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved)को कड़ी फटकार लगाई है और कंपनी व कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्‍टर बालकृष्ण को अवमानना का नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि पतंजलि आयुर्वेद ने विज्ञापनों में अपनी दवाओं के संबंध में दावों पर 21 नवंबर, 2023 को सौंपे गए हलफनामे का प्रथम दृष्टया उल्लंघन किया है. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके मैनेजिंग डायरेक्‍टर को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की जाए. 

कानून का उल्लंघन

विज्ञापनों में छपे फोटो के आधार पर नोटिस जारी किया गया है. कोर्ट ने चेताया है कि प्रिंट या अन्य मीडिया में किसी भी रूप में किसी भी चिकित्सा प्रणाली के खिलाफ बयान ना दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है क‍ि पतंजल‍ि आयुर्वेद के व‍िज्ञापनों में परमानेंट रिलीफ शब्द ही अपने आप में भ्रामक है और कानून का उल्लंघन है. कोर्ट ने कहा क‍ि आज से आप कोई भ्रामक विज्ञापन नहीं देंगे और न ही प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ऐसे व‍िज्ञापन देंगे. कोर्ट का कहना है कि पतंजलि  बीपी, मधुमेह, गठिया, अस्थमा, मोटापे को पूरा खत्म का दावा कैसे कर सकती है? ये ड्रग्स एंड मैजिक रैमिडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम का पूर्ण उल्लंघन है. एलोपैथी को इस तरह जनता की नजरों में गिराया नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने पतंजल‍ि को कहा है क‍ि आप केवल साधारण विज्ञापन दे सकते हैं.

"झूठे" और "भ्रामक" दावे पर दी थी चेतावनी

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सुप्रीम कोर्ट ने तब रामदेव द्वारा सह-स्थापित और हर्बल उत्पादों में कारोबार करने वाली कंपनी को कई बीमारियों के इलाज के लिए अपनी दवाओं के बारे में विज्ञापनों में "झूठे" और "भ्रामक" दावे करने के खिलाफ चेतावनी दी थी. शीर्ष अदालत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ रामदेव द्वारा बदनामी का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है.

पिछले साल 21 नवंबर को, कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि अब से कानून का कोई उल्लंघन नहीं होगा. विशेष रूप से उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग से संबंधित, और पतंजलि उत्पादों की औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाले या किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई आकस्मिक बयान नहीं दिया जाएगा. दवा किसी भी रूप में मीडिया को जारी की जाएगी.

Supreme Court Yog Guru Baba Ramdev Patanjali Ayurved