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On November 30, 2018, the Maharashtra legislature had passed a bill granting 16-per cent reservation to Marathas.
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सुप्रीम कोर्ट ने कोविड19 लॉकडाउन अवधि के दौरान हवाई यात्रा के लिए बुक किए गए टिकटों की पूरी राशि विमानन कंपनियों द्वारा वापस किए जाने के निर्देश देने संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार और DGCA से जवाब तलब किया है. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को नोटिस जारी किए हैं. इन नोटिसों में उनसे उस याचिका पर जवाब मांगा गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि विमानन कंपनियों ने कोविड19 लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकटों पर रिफंड नहीं दिया है और यात्रियों पर गैरकानूनी रूप से 'क्रेडिट शेल' मैकेनिज्म थोप रही हैं.
क्रेडिट शेल मैकेनिज्म में कैंसिल हुई टिकट का बुकिंग अमाउंट लौटाया नहीं जाता है, बल्कि उस अमाउंट पर यात्री भविष्य में यात्रा के लिए टिकट बुक करा सकते हैं. हवाई यात्रा टिकट पर रिफंड को लेकर याचिका एयर पैसेंजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दायर की है. इसमें दावा किया गया है कि रिफंड देने से मना करना मनमानी है और यह सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स (CAR) का उल्लंघन है क्योंकि 'क्रेडिट शेल' स्वीकार करना या न करना पूरी तरह यात्रियों का फैसला है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा है कि मामले की सुनवाई इसी मुद्दे पर एक अन्य याचिका के साथ होगी.
मंत्रालय ने दिया था रिफंड का निर्देश
याचिका को एडवोकेट रोहित राठी की मदद से फाइल किया गया है. इसमें कहा गया है कि विमानन कंपनियां क्रेडिट शेल न चाहने वाले यात्रियों पर भी इसे गैरकानूनी रूप से थोप रही हैं. यह भी कहा गया है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 16 अप्रैल को सभी विमानन कंपनियों को निर्देश दिया था कि 25 मार्च से 14 अप्रैल तक यानी लॉकडाउन के पहले चरण के दौरान बुक कराई गई हवाई टिकटों की पूरी राशि यात्रियों को लौटाई जाए. इसके अलावा कैंसिल की गई टिकटों पर भी जो यात्री रिफंड चाहते हैं, उन्हें यह दिया जाए.
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यह भी था निर्देश
यह भी निर्देश दिया गया था कि लॉकडाउन के पहले चरण के दौरान 15 अप्रैल से 3 मई तक की अवधि यानी लॉकडाउन के दूसरे चरण में यात्रा के लिए बुक कराई गई टिकटों पर और कैंसिल टिकट पर यात्रियों द्वारा मांग करने पर विमानन कंपनी को कैंसिलेशन चार्ज काटे बिना पूरा पैसा लौटाना होगा. याचिका में दावा किया गया है कि मंत्रालय और DGCA के निर्देर्शों के बावजूद विमानन कंपिनयां टिकट का रिफंड करने में असफल रही हैं.