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सुप्रीम कोर्ट ने 12 सदस्यों की नेशनल टास्क फोर्स (NTF) का गठन किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रभावी और पारदर्शी मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन सुनिश्चित करने के लिए 12 सदस्यों की नेशनल टास्क फोर्स (NTF) का गठन किया है. इसका मकसद कोविड-19 मरीजों की जिंदगियों को बचाना और महामारी के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुविधाओं को बेहतर बनाना है. जस्टिस DY Chandrachud और एमआर शाह की बेंच ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर टास्क फोर्स का परामर्श लेने का तर्क महामारी के लिए सावर्जनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करना है, जो वैज्ञानिक और विशेष क्षेत्र के ज्ञान पर आधारित है.
सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करना मकसद
कोर्ट ने कहा कि बड़े एक्सपर्ट्स को खुद को टास्क फोर्स से जोड़ना चाहिए, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ काम करने के लिए वैज्ञानिक रणनीतियां तैयार की जा सकें, जिसमें ऑक्सीजन की सप्लाई और जरूरी दवाइयां शामिल है, जो वैज्ञानिक और विशेष क्षेत्र के ज्ञान पर आधारित है. जजों ने शनिवार को जारी 24 पेज के फैसले में कहा कि NTF से निर्णय लेने वालों को इनपुट मिलेंगे, जो वर्तमान समस्याओं के लिए अस्थायी समाधान से अलग होंगे.
कोर्ट ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि देश के बड़े एक्सपर्ट्स टास्क फोर्स से सदस्यों और रिसोर्स पर्सन दोनों के तौर पर जुड़ेंगे और काम करेंगे. इससे कई लोगों के विचार मिलेंगे और इस अप्रत्याशित मानवीय संकट से निपटने के लिए वैज्ञानिक रणनिति बनाएंगे. बेंच के मुताबिक, नेशनल टास्क फोर्स बनाने से निर्णय लेने वालों को इनपुट मिलेंगे जो वर्तमान मुश्किलों के लिए अस्थायी समाधान से अलग होंगे.
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ऑर्डर में कहा गया है कि इससे सुनिश्चित होगा कि वर्तमान में मौजूदा भविष्य की जरूरतों को वैज्ञानिक तौर पर मैप किया जा सके और उन्हें अनुभव के आधार पर इकट्ठा किया जा सके. टास्क फोर्स के गठन से केंद्र सरकार को वर्तमान और भविष्य में पारदर्शी और पेशेवर आधार पर महामारी की चुनौतियों स निपटने के लिए इनपुट और रणनीति मिलेगी.