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 वित्त मंत्रालय ने कहा कि छापों के दौरान घोषित पतों पर कोई चालू कंपनी नहीं पाई गई.टैक्स अधिकारियों ने फर्जी कंपनियों के जरिये की जा रही करोड़ों रुपये की टैक्स धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया है. साथ ही इसके दो मास्टरमाइंड को भी गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि यह कंपनियां गौतम बुद्ध नगर और दिल्ली-NCR के कई इलाकों में रजिस्टर्ड हैं.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कंपनियां स्पष्ट तौर पर आपस में जुड़ी हुई हैं. इन्होंने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) व्यवस्था के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट के भारी रिफंड के दावे दाखिल किए थे. इन कंपनियों ने यह दावे शून्य टैक्स और रिवर्स टैक्स स्ट्रक्चर (कच्चे माल पर ज्यादा टैक्स और तैयार माल पर कम टैक्स) के तहत आने वाले सामानों की आपूर्ति के लिए डाले थे.
रजिस्टर्ड पतों पर नहीं चल रही थी कंपनी
केंद्रीय जीएसटी के अधिकारियों ने 13 मार्च को कंपनियों के रजिस्टर्ड पतों पर गौतम बुद्ध नगर के साथ-साथ दिल्ली, फरीदाबाद, गुडगांव, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे. मंत्रालय ने कहा कि छापों के दौरान घोषित पतों पर कोई चालू कंपनी नहीं पाई गई. बाद में और जांच करने के बाद दो लोगों की पहचान की गई जो इसके मास्टरमाइंड हैं. इन्होंने एक रैकेट के माध्यम से पंजीकृत कंपनियों के साझेदारों और मालिकों से केवाईसी दस्तावेज जुटाए थे.
60 करोड़ रुपये की हुई वसूली
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि इन कंपनियों ने इनपुट टैक्स क्रेडिट के नाम पर 1,892 करोड़ रुपये के बिल काटे और इसके लिए 264 करोड़ रुपये के रिफंड के दावे किए. इसमें से 60 करोड़ रुपये की वसूली कर ली गई है. वहीं, करीब 131 करोड़ रुपये के लंबित रिफंड दावे पर रोक लगा दी गई है. संदिग्ध मास्टरमाइंड के आवासीय परिसर की भी 15 मार्च को तलाशी ली गई और उनके बयान दर्ज किए गए. उनके बयानों के आधार पर 16 मार्च को केंद्रीय जीएसटी कानून की धारा 69 के तहत उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
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