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Jack Dorsey Controversy: कोविन डेटा बेस के आंकड़े लीक होने की बात को मंत्री ने बताया गलत.
Jack Dorsey Controversy: केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा है कि ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने भारत सरकार पर झूठा आरोप क्यों लगाया इसका जवाब उनसे ही मांगा जाना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि क्या वे डोर्सी के आरोपों के बारे में दिए गए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के इस बयान से सहमत हैं कि भारत में जब भी चुनाव नज़दीक होते हैं तो कुछ विदेशी ताक़तें और यहाँ उनके एजेंट एक योजनाबद्ध तरीक़े से देश को अस्थिर व बदनाम करने के लिए सक्रिय हो जाते हैं, चन्द्रशेखर ने कहा कि वे इस बारे में अनुमान के आधार पर कोई बयान नहीं देना चाहेंगे और न ही उनका काम ये अंदाजा लगाना है कि डोर्सी के दिमाग में क्या चल रहा है. उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब तो जैक डोर्सी को ही देना चाहिए कि उन्होंने भारत सरकार पर ट्विटर पर नाजायज दबाव डालने का झूठा आरोप क्यों लगाया? राजीव चंद्रशेखर ने ये तमाम बातें दिल्ली में फाइनेंशियल एक्सप्रेस की तरफ से आयोजित डिजिटल भारत इकॉनमी कॉन्क्लेव में कहीं.
ट्विटर ने नहीं किया भारतीय कानूनों का पालन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डोर्सी के आरोपों के बारे में वे पूरी जिम्मेदारी के साथ सिर्फ इतना बताना चाहते हैं कि भारत सरकार पर लगाए गए उनके सारे आरोप पूरी तरह झूठे हैं. उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि डोर्सी के कार्यकाल के दौरान ट्विटर ने लंबे समय तक भारत के कानूनों का सही ढंग से पालन नहीं किया गया. सरकार ने इसके बावजूद भारत में उसके कामकाज को बंद करने या उसके अधिकारियों, कर्मचारियों को जेल भेजने जैसी कोई सख्त कार्रवाई नहीं की. हैरानी की बात है कि इसके बावजूद डोर्सी इतने दिनों बाद अचानक ऐसे आरोप क्यों लगा रहे हैं!
कोविन डेटा बेस के आंकड़े लीक होने पर मंत्री ने क्या कहा?
राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में कोविन डेटा बेस के आंकड़े बड़े पैमाने पर लीक होने की खबरों के बारे में पूछे जाने कहा कि वे यह बात पूरी तरह साफ कर देना चाहते हैं कि कोविन के डेटा बेस में कोई सेंध नहीं लगी है. उन्होंने कहा कि टेलीग्राम ऐप पर एक बॉट ने जो भी आंकड़े शेयर किए, वो दरअसल डेटा लीक का दिखावा करने की कोशिश थी. उन्होंने कहा कि जो आंकड़े लीक किए गए वे कोविन डेटा बेस के नहीं थे. उन्होंने संदेह जाहिर किया कि वे आंकड़े किसी पुराने डेटा लीक से लिए गए भी हो सकते हैं. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आज के दौर में फर्जी आंकड़ों के जरिए डेटा ब्रीच को मिमिक करना यानी ऐसा दिखावा करना बेहद आसान हो गया है. उन्होंने कहा कि टेलीग्राम पर आंकड़े जारी किए जाने की जांच की जा रही है, जिससे पूरी सच्चाई जल्द ही सामने आ जाएगी.