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मंत्रालय ने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किये जा रहे हैं.
भारत में इस साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (foreign direct investment (FDI) के 100 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद है. सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में FDI इस आंकड़े को छू लेगा. पिछले फाइनेंशियल ईयर में FDI के जरिए देश में करीब 83.6 अरब डॉलर का निवेश हुआ था. मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'भारत में 101 देशों से FDI के जरिए केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों के अलग-अलग 51 सेक्टरों में निवेश किया गया. अपने आर्थिक सुधारों और बिजनेस फ्रेंडली एनवायरनमेंट की वजह से इस साल भारत में FDI 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर लेगा.'
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सरकार ने अपनाई लिबरल और ट्रांसपेरेंट नीतियां
मिनिस्ट्री ने कहा कि विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए सरकार ने लिबरल और ट्रांसपेरेंट नीतियां अपनाई हैं, जिसकी वजह से ही देश में बिजनेस फ्रेंडली एनवायरनमेंट बन पाया है और देश में बड़े स्तर पर FDI के जरिए निवेश शुरू हुआ है. हालांकि पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में देश में एफडीआई इक्विटी 6 फीसदी की गिरावट के बाद 16.6 बिलियन डॉलर रह गई थी. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, साल 2021-2022 में खिलौनों के इि्म्पोर्ट में 70 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. यह इम्पोर्ट गिरकर 877 करोड़ रुपये पर आ गया है, जबकि भारत से खिलौनों के एक्सपोर्ट में 61 प्रतिशत की इजाफा हुआ और यह बढ़कर 326 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है.
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मेक इन इंडिया योजना के आठ साल पूरे होने के मौके पर जारी बयान में कहा गया कि FDI वित्त वर्ष 2015 से अब लगभग दोगुना हो चुका है. FDI के जरिए 101 देशों के 57 सेक्टरों में इंवेस्टमेंट किया गया. FDI का लाभ करीब 31 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को हुआ है. इसके साथ ही सरकार की योजना है कि वो इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, ऑटो, फार्मा, टेक्सटाइल और स्टील समेत अलग अलग सेक्टरों में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी.