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स्वदेशी तकनीक से निर्मित पहला एयरक्राफ्ट कैरियर है INS विक्रांत, समंदर पर तैरते हुए किले जैसा
नौ सेना में शामिल हुआ देश का पहला स्वदेशी तकनीक से निर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि में आयोजित कार्यक्रम में आईएनएस विक्रांत को तो नौ सेना को सौंपा ही साथ ही नौ सेना के नए ध्वज का भी अनावरण किया. आईएनएस विक्रांत के बेड़े में शामिल होने से भारतीय नौ सेना की ताकत तो बढ़ी ही है. साथ ही भारत एयरक्राफ्ट कैरियर रखने वाले कुछ चुनिंदा देशों में भी शामिल हो गया है.
आईएनएस विक्रांत के साथ भारतीय नौ सेना के पास चीन की तरह दो एयरक्राफ्ट कैरियर हो गए हैं. एशिया में चीन के बाद भारत ही ऐसा देश है जिसके पास न सिर्फ खुद के दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, बल्कि एयरक्राफ्ट कैरियर निर्माण की स्वदेशी तकनीक मौजूद है.
पीएम मोदी ने नौसेना के नए ध्वज के अनावरण मौके पर कहा कि नौ सेना ने गुलामी की निशानी वाले ध्वज को छोड़ दिया है. पीएम मोदी ने नौ सेना के नये ध्वज को छत्रपति वीर शिवाजी को समर्पित करते हुए कहा कि शिवाजी की समुद्री ताकत से दुश्मन भी डरते थे. पीएम मोदी ने कहा कि नये ध्वज से नौसैनिकों का बल और आत्मसम्मान बढ़ेगा.
भारतीय नौ सेना के नए ध्वज में पूराने झंडे की तरह लाल क्रॉस नहीं दिखाई देगा. नए ध्वज में अब बाईं ओर तिरंगा और दाईं ओर अशोक चक्र का चिह्न दिखाई देगा. अशोक चक्र के नीचे की ओर शं नो वरुण: यानी वरुण हमारे लिए शुभ हों लिखा हुआ है.
प्रधानमंत्री ने आईएनएस विक्रांत का निर्माण करने वाले इंजीनियर्स को भी बधाई देते हुए विक्रांत को वॉरशिप नहीं बल्कि समंदर पर तैरता हुआ शहर बताया. उन्होंने कहा कि विक्रांत में जितने केबल और वायर हैं, यदि उन्हें बिछाया जाये तो वो कोच्चि से काशी तक पहुंच सकते हैं.
आज के कार्यक्रम के कुछ हाई लाईट्स
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोच्चि में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे.
- यहां पीएम मोदी को नौ सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
- पीएम मोदी ने आईएनएस विक्रांत को नौ सेना को सौंपा.
- प्रधानमंत्री ने नौ सेना के नए ध्वज का आनावरण किया.
- पीएम मोदी ने आईएनएस विक्रांत को 21वीं सदी के भारत के कड़े परिश्रम और प्रतिबद्धता का परिणाम बताया.
- विक्रांत ने लगाये भारत के बुलंद हौसलों को नए पंख.
- आईएनएस विक्रांत स्वदेशी कौशल की शानदार मिसाल है.
- नौसेना का नया ध्वज शिवाजी को समर्पित.