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घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर भी शुल्क 3,000 रुपये प्रति टन बढ़ाकर 11,000 रुपये कर दिया गया है.
Windfall Tax Hike: केंद्र सरकार ने 7वें दौर की रिव्यू बैठक में घरेलू कच्चे तेल और डीजल पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स में इजाफा करने का फैसला किया है. इसके साथ ही Aviation Turbine Fuel (ATF) पर लगने वाले टैक्स में भी बढ़ोतरी कर दी है. सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक ये बढ़ी हुई दरें 16 अक्टूबर से लागू हो जाएंगी. सरकार के फैसले के बाद घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर लगने वाला विंडफॉल टैक्स 11,000 रुपये प्रति टन हो गया है. Diesel के एक्सपोर्ट पर लगने वाले टैक्स को 6.5 रुपये से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति लीटर किया गया है. इसके साथ ही एटीएफ के एक्सपोर्ट पर 3.50 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से टैक्स वसूला जाएगा.
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इससे पहले वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए सरकार ने दो राउंड की समीक्षा बैठक में विंडफॉल टैक्स में कटौती की थी. हालांकि अब सरकार ने विंडफॉल टैक्स में फिर से इजाफा करन का फैसला किया है.
ये होता है विंडफाल टैक्स
विंडफाल टैक्स का मतलब किसी अप्रत्याशित लाभ पर लगाए जाने वाले टैक्स से है. अगर किसी वजह से कंपनी को अप्रत्याशित लाभ होता है, तो सरकार इस लाभ पर अतिरिक्त टैक्स लगाती है. रूस यूक्रेन संकट की वजह से तेल के दामों में अप्रत्याशित बढ़त देखने को मिली थी. जिससे तेल कंपनियों को अप्रत्याशित रूप से काफी मुनाफा हुआ था. जिससे सरकार ने इस तेल पर टैक्स लगाने का फैसला लिया था. वहीं सरकार के इस फैसले से घरेलू सप्लाई बढ़ाने में भी मदद मिली है.
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असल में विदेशों में निर्यात से कंपनियों को काफी मुनाफा हो रहा था. ऐसे में संभावना था कि ज्यादा मुनाफे के लिए कंपनियां ज्यादा से ज्यादा तेल निर्यात कर सकती थीं. जिससे घरेलू सप्लाई पर असर पड़ सकता था. जब कच्चा तेल ऊपरी स्तरों पर था तो निजी कंपनियों के पेट्रोल पंप पर तेल की कमी की खबरे भी आई थीं. निर्यात को सीमित रखने के लिए ही सरकार ने तेल के निर्यात पर विंडफाल टैक्स लगाने का ऐलान किया था.