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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4.5 फीसदी का बड़ा कॉन्ट्रैक्शन आएगा और यह ऐतिहासिक निम्न स्तर पर आ जाएगी. ऐसा हुआ तो भारत के लिए ग्रोथ रेट का इस साल 1961 के बाद का सबसे निचला स्तर होगा. इसका कारण कोरोनावायरस है, जिसकी वजह से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं.
लेकिन साथ ही यह भी अनुमान दिया है कि 2021 में देश 6 फीसदी की ग्रोथ रेट से फिर वापसी करेगा. 2019 में देश की ग्रोथ रेट 4.2 फीसदी रही थी. IMF ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक फोरकास्ट में अनुमान दिया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट में इस साल 4.9 फीसदी की कमी रहेगी. यह अप्रैल के अनुमान से 1.9 फीसदी कम है.
रिकवरी रहेगी धीमी
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड19 ने 2020 की पहली छमाही में गतिविधियों पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डाला है. रिकवरी पहले के अनुमान से और धीमी रहेगी. 2021 में ग्लोबल ग्रोथ 5.4 फीसदी रह सकती है. पहली बार 2020 में सभी क्षेत्रों के निगेटिव ग्रोथ दर्ज करने का अनुमान है. चीन की ग्रोथ रेट 2020 में 1 फीसदी रहेगी.