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फेस्टिव सीजन को देखते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों की फेस्टिव सेल्स की घोषणा हो चुकी है. फ्लिपकार्ट की सेल 16 अक्टूबर से तो अमेजन की सेल 17 अक्टूबर से शुरू हो रही है. हर साल आने वाली इन फेस्टिव सेल में बंपर ऑफर्स की पेशकश की जाती है, जिसके चलते सस्ते दामों पर कपड़ों, गैजेट से लेकर अप्लायंसेज तक को खरीदा जा सकता है. लेकिन लुभावने ऑफर्स को देखकर फटाफट खरीदारी करने से पहले उनसे जुड़े नियम व शर्तों को जान लेना जरूरी है. ताकि ऑनलाइन खरीदारी में चपत न लगे.
रिटर्न पॉलिसी
ऑनलाइन खरीदारी करते वक्त यह जरूर चेक करें कि आज जहां से खरीदारी कर रहे हैं, वह वेबसाइट प्रॉडक्ट रिटर्न व रिफंड का विकल्प देती है या नहीं. अगर रिटर्न पॉलिसी है तो उसके टर्म्स एंड कंडीशंस अच्छे से पढ़ें कि प्रॉडक्ट को कितने दिन के अंदर रिटर्न किया जा सकता है, प्रॉडक्ट को रिटर्न करने के लिए कहीं कोई शर्त लागू तो नहीं है आदि. इसके अलावा यह भी चेक करें कि रिटर्न का विकल्प लेने पर प्रॉडक्ट लेने ई-कॉमर्स वेबसाइट या प्रॉडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी से कोई आपके घर आएगा या फिर आपको प्रॉडक्ट कंपनी के पास भेजना होगा.
ऐसे मामले सामने आए हैं, जब किसी प्रॉडक्ट परचेज के साथ रिटर्न पॉलिसी के तहत प्रॉडक्ट लेने ग्राहक के घर ई-कॉमर्स कंपनी का कोई व्यक्ति नहीं आया, बल्कि ग्राहक को प्रॉडक्ट कंपनी के पास कुरियर करना पड़ा. ऐसी शर्त रहने पर ई-कॉमर्स कंपनी की प्रॉडक्ट रिटर्न में कोई भूमिका नहीं होती है, साथ ही ग्राहक को प्रॉडक्ट कंपनी को भेजने में आने वाला खर्च वहन करना होता है.
रिफंड पॉलिसी
कई बार प्रॉडक्ट रिटर्न करने पर पैसा रिफंड होने के बजाय उतने ही अमाउंट का दूसरा प्रॉडक्ट खरीदने की शर्त रहती है. इसलिए खरीदारी करते वक्त इस प्वॉइंट को जरूर चेक करें.
EMI
महंगे प्रॉडक्ट खरीदते वक्त हम अक्सर ईएमआई का सहारा लेते हैं. यह जान लें कि आमतौर पर ईएमआई में प्रॉडक्ट की खरीद, एकमुश्त भुगतान से महंगी पड़ती है. क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड से ईएमआई में पेमेंट का विकल्प लेते वक्त यह जरूर गौर करें कि ब्याज दर कितनी लागू होगी. साथ ही यह भी कि खरीदारी के वक्त ही पेमेंट की राशि ईएमआई में कन्वर्ट कराना फायदेमंद होगा या बाद में. संबंधित कार्ड से जुड़े बैंक या कंपनी की ईएमआई से जुड़ी शर्तों को भी जान लें.
वास्तविक प्रॉडक्ट
ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर यह उल्लिखित रहता है कि वास्तविक प्रॉडक्ट का रंग, डिजाइन दिखाए जा रहे प्रॉडक्ट से थोड़ा भिन्न हो सकता है. इसलिए खरीदारी इस बात को ध्यान में रखकर करें, खासकर कपड़ों के मामले में.
डिलीवरी चार्ज
खरीदारी के बाद पेमेंट करते वक्त डिलीवरी चार्ज पर जरूर गौर करें कि यह वही है तो प्रॉडक्ट सिलेक्ट करते वक्त दिया था या नहीं. ई-कॉमर्स पर कभी-कभी यह शर्त रहती है कि एक निश्चित अमाउंट तक की खरीदारी करने पर डिलीवरी चार्ज माफ हो जाता है. ऐसे में अगर आप उस निश्चित अमाउंट तक की खरीद कर रहे हैं तो डिलीवरी चार्ज जरूर चेक करें.
डिस्काउंट, गारंटी-वॉरंटी
खरीदारी करते वक्त डिस्काउंट और गारंटी-वॉरंटी से जुड़ी नियम व शर्तों को अच्छी तरह जान लें. डिस्काउंट इंस्टैंट है या नहीं, कैशबैक फ्लैट है या निश्चित अमाउंट तक, डिस्काउंट/कैशबैक एक निश्चित अमाउंट तक की खरीदारी पर मिलेगा या किसी भी अमाउंट तक की खरीद पर, कैशबैक धनराशि के रूप में मिलेगा या कूपन्स/रिवॉड प्वॉइंट के रूप में, अगर धनराशि में कैशबैक है तो कहां क्रेडिट होगा, किन शर्तों का उल्लंघन करने पर डिस्काउंट/कैशबैक के हकदार नहीं होंगे जैसे कि प्रॉडक्ट रिटर्न या ऑर्डर कैंसिलेशन आदि.
बेहद सस्ता प्रॉडक्ट कहीं रिफर्बिश्ड तो नहीं
कई बार कोई महंगा प्रॉडक्ट हमें ऑनलाइन बहुत सस्ता दिखता है. ऐसे में हम बिना देर किए उसे झटपट खरीदने की सोचते हैं. लेकिन यहां ठहरें और चेक करें कि प्रॉडक्ट बिल्कुल नया है या रिफर्बिश्ड. रिफर्बिश्ड प्रॉडक्ट का अर्थ उन यूज्ड प्रॉडक्ट से है, जिन्हें कंपनी के पास वापस आने के बाद फिर से नए अवतार में बेचने के लिए पेश कर दिया जाता है.
तुलना जरूर करें
किसी भी एक वेबसाइट से झटपट प्रॉडक्ट लेने से पहले, उस प्रॉडक्ट की कीमत व अन्य चीजों को दूसरी ई-कॉमर्स वेबसाइट या ऑफलाइन स्टोर पर भी पता कर लें. हो सकता है कि प्रॉडक्ट किसी दूसरी जगह सस्ता मिल रहा हो या उसमें ज्यादा ऑप्शन मिल रहे हों. अगर बंडल्ड प्रॉडक्ट है यानी एक ही पैकेज में दो-तीन चीज मिल रही हैं और दूसरी जगह वह सस्ता है तो यह जरूर चेक करें कि बंडल में कहीं कुछ चीज कम तो नहीं मिल रही है.