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आज 20 जनवरी को सुप्रीमकोर्ट गणतंत्र दिवस पर किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर सुनवाई करेगी.
Tractor Rally on Republic Day: 26 जनवरी को किसानों द्वारा निकाली जाने वाली ट्रैक्टर रैली के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने केन्द्र सरकार से किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के ​खिलाफ दाखिल की गई याचिका वापस लेने को कहा है. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने गणतंत्र दिवस पर किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि वह गणतंत्र दिवस पर किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली या किसी अन्य तरह के विरोध के खिलाफ केन्द्र की याचिका पर कोई आदेश पारित नहीं करेगा.
भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम कह चुके हैं कि इस बारे में फैसला पुलिस को करने दीजिए. एक्शन लेने के लिए प्रशासन है. इससे पहले 18 जनवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि दिल्ली में प्रवेश का मामला लॉ एंड ऑर्डर का है और इसे पुलिस को ही निर्धारित करना चाहिए, कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगा. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को पहली अथॉरिटी बताते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस के पर्याप्त अधिकार है. कोर्ट ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से कहा था कि वह इस मामले में 20 जनवरी को सुनवाई करेगा.
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है. चीफ जस्टिस बोबडे ने 18 जनवरी को सुनवाई के दौरान कहा था कि अटार्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को पहले ही कहा जा चुका है कि किसे प्रवेश मिले और किसे नहीं, कितनी संख्या में लोग आएं, यह पूरा मामला लॉ एंड ऑर्डर का है और इसे पुलिस को ही देखना है. चीफ जस्टिस बोबडे के मुताबिक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट फर्स्ट अथॉरिटी नहीं है.
दिल्ली पुलिस की तरफ से केंद्र सरकार की याचिका
केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान नेता इन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं. विरोध के तहत किसान नेताओं ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रेली निकालने का फैसला किया है जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि इससे गणतंत्र दिवस समारोह में व्यवधान आ सकता है. इसे लेकर केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस की तरफ से याचिका दायर कर कहा कि इस प्रकार के किसी भी प्रदर्शन से गणतंत्र दिवस समारोह में व्यवधान उत्पन्न होगा और देश की छवि को आघात पहुंचेगा. वहीं किसानों का कहना है कि वे केवल आउटर रिंग रोड पर शांतिपूर्वक ट्रैक्टर रैली निकालेंगे और परेड वाली जगह नहीं जाएंगे. उनका शांति भंग करने का कोई इरादा नहीं है.
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सरकार और किसानों के बीच 10वें दौर की बातचीत
तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों और सरकार के बीच बुधवार को हुई 10वें दौर की बैठक खत्म हो गई है. अगली बैठक अब 22 जनवरी को होगी. बुधवार की बैठक में सरकार की ओर से नए कृषि कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया लेकिन किसान नेता कानूनों को वापस लेने पर अड़े रहे.
कुछ दिनों पहले 15 जनवरी को किसानों और केंद्र सरकार के बीच नौंवें दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी. केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत में किसान यूनियनें तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर डटी रही जबकि सरकार ने उनसे रवैये में नरमी लाने की मांग की. बातचीत में किसान यूनियनों ने पंजाब में उन ट्रांसपोर्टर्स पर एनआईए रेड का मुद्दा भी उठाया जो किसानों के आंदोलनों का समर्थन कर रहे हैं और आंदोलन के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट कर रहे हैं.