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व्यापारियों ने GST की मौजूदा व्यवस्था का किया विरोध, पीएम मोदी से बदलने की अपील

व्यापारियों के संगठन फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) ने जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था का विरोध किया है.

व्यापारियों के संगठन फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) ने जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था का विरोध किया है.

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traders want present GST regime to change appeal to PM Modi to change it

व्यापारियों के संगठन फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) ने जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था का विरोध किया है.

व्यापारियों के संगठन फेडरेशन ऑफ आल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) ने जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था का विरोध किया है. और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मौजूदा प्रणाली की जगह इसका एक नया स्वरुप लाने की अपील की है. व्यापारियों का कहना है कि वे जीएसटी में लगातार हो रहे बदलावों, अनुपालन में मुश्किल से परेशान हैं. संगठन ने बयान में बताया कि उन्होंने देशभर के 400 जिलों में जिला अधिकारियों को इस संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है. इसमें उन्होंने पीएम मोदी से अपील की है कि वे जीएसटी की नई प्रणाली लाएं.

मौजूदा जीएसटी प्रणाली को बताया बड़ी परेशानी

संगठन ने बयान में बताया कि ज्ञापन में फैम ने कहा है कि जुलाई 2017 में देश के सबसे बड़े टैक्स रिफॉर्म के तौर पर जब जीएसटी को लागू किया गया था, देश ने बड़े उत्साह के साथ नई टैक्स प्रणाली का स्वागत किया था और उम्मीद की थी कि नई व्यवस्था आसान होगी. इसके साथ यह उम्मीद थी कि इससे टैक्स चोरी पर रोकथाम लगेगी और बिना किसी रुकावट के इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा आदि. ज्ञापन में कहा गया है कि छोटे व्यापारियों के लिए मौजूदा जीएसटी प्रणाली बड़ी परेशानी बन चुकी है. कर अनुपालन जटिल है जिससे व्यापारियों को बहुत मुश्किल होती है.

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फैम के अधयक्ष जयेन्द्र तन्ना ने कहा कि बैंक में फ्रॉड होना कोई हैरानी की बात नहीं है, लेकिन उस फ्रॉड की राशि बैंक अपनी ग्राहकों से नहीं वसूलता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान जीएसटी में किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा की गई टैक्स में धोखाधड़ी की सजा एक ईमानदार व्यापारी को भुगतनी पड़ती है. उनके मुताबिक, वर्तमान जीएसटी में व्यापारी द्वारा की गई अनजाने में हुई गलती पर सुधार का मौका देने की जगह सीधे सजा और पंजीकरण रद्द किया जाता है. उन्होंने कहा कि कंपनीज एक्ट में छोटी कंपनियों पर बड़ी कंपनियों के मुकाबले कम और आसान अनुपालन है. इसके ठीक विपरीत जीएसटी में यह समान है.

Gst