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फर्जी कॉल न रोक पाने पर TRAI की कार्रवाई; BSNL, Jio, Airtel जैसी कंपनियों पर लगाया भारी जुर्माना

TRAI ने अनचाहे व्यावसायिक कॉल पर रोक नहीं लगाने को लेकर दूरसंचार कंपनियों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है..

TRAI ने अनचाहे व्यावसायिक कॉल पर रोक नहीं लगाने को लेकर दूरसंचार कंपनियों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है..

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PTI
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TRAI action on telcos

TRAI ने अनचाहे व्यावसायिक कॉल पर रोक नहीं लगाने को लेकर दूरसंचार कंपनियों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है..

TRAI: टेलिकॉम रेगुलेटर भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने अनचाहे व्यावसायिक कॉल पर रोक नहीं लगाने को लेकर दूरसंचार कंपनियों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है. ट्राई ने दिल्ली हाईकोर्ट में जानकारी दी है कि उसने एयरटेल, जियो, बीएएसएनएल और वोडाफोन पर 34 हजार से 30 करोड़ की रेंज में जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना अप्रैल-जून 2020 के दौरान अपने नेटवर्क पर अनचाहे कॉल न रोक पाने की एवज में लगाया गया. जुर्माने की कुल रकम 35 करोड़ रुपये है. मुख्य न्यायमूर्ति डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए आठ हफ्ते का वक्त दिया था.

सबसे ज्यादा जुर्माना BSNL पर

सबसे ज्यादा 30 करोड़ रुपये का जुर्माना स्टेट रन भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) पर लगाया गया है. इसके अलावा प्रक्रिया संहिता का पालन नहीं करने के लिए उस पर 10 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया. इसी तरह एयरटेल, वोडाफोन, क्वाडरैंट टेलीवेंचर्स और रिलायंस जियो पर 1.33 करोड़ रुपये, 1.82 करोड़ रुपये, 1.41 करोड़ रुपये और 14.99 लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया. इसके अलावा महानगर टेलीकॉम निगम लिमिटेड पर 1.73 लाख रुपये, टाटा टेलीसर्विसेस लिमिटेड पर 15.01 लाख रुपये और वी-कॉन मोबाइल एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड पर 34,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

20 दिन के अंदर जमा करना होगा

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ट्राई ने कहा कि इस संबंध में 23 नवंबर को आदेश पारित किया गया है. दूरसंचार कंपनियों को यह जुर्माना आदेश की तारीख से 20 दिन के भीतर जमा करना है. जजों की पीठ ने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए जो वक्त दिया था, उसमें विफल रहने पर दंडात्मक कार्रवाई करने के प्रति चेतावनी भी दी थी. अदालत के ये निर्देश वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आए थे. जिसके बाद यह एक्शन हुआ है. पेटीएम का परिचालन करने वाली इस कंपनी ने दूरसंचार कंपनियों पर उनके नेटवर्क पर ‘फिशिंग’ की गतिविधियों को नहीं रोकने का आरोप लगाया था.

क्या है फिशिंग

फिशिंग एक साइबर अपराध है जहां किसी संगठन के वैध प्रतिनिधि बनकर लोगों तक ई-मेल, फोन कॉल या टेक्स्ट मैसेज द्वारा संपर्क किया जाता है. इसके बाद उनको लुभावने आफर देकर उनके संवेदनशील डाटा के साथ बैंकिंग और क्रेडिट कार्ड की डिटेल और पासवर्ड की मांग की जाती है. ट्राई ने कहा है कि शुरू में टेलीकॉम कंपनियों को कारण बताओ नोटिस को पूरा करने में विफलता के बाद फिर कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे. साथ ही यूसीसी पर अंकुश लगाने को कहा गया था. उचित प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन पर जुर्माना लगाया गया है.

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