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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने कहा है कि उसने 11 अंक के मोबाइल नंबर का कोई सुझाव नहीं दिया है. नियामक ने स्पष्ट किया कि उसने सिर्फ यह सिफारिश की है कि लैंडलाइन से कॉल करते समय मोबाइल नंबर के आगे शून्य लगाया जाना चाहिए. नियामक ने कहा कि फिक्स्ड लाइन से मोबाइल पर कॉल करने के लिए नंबर के आगे शून्य लगाने से भविष्य की मोबाइल सेवाओं के लिए 254.4 करोड़ अतिरिक्त संख्याओं के संसाधन उपलब्ध होंगे.
देश में 10 अंक का मोबाइल नंबर जारी रहेगा. ट्राई ने बयान में कहा, ‘‘11 अंक के मोबाइल नंबर की कोई सिफारिश नहीं की है. सिर्फ लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने की स्थिति में मोबाइल नंबर के शुरू में शून्य लगाने का सुझाव दिया है.’’
ग्राहकों को 11 डिजिट नंबर से होगी असुविधा
11 डिजिट नंबर को लेकर ज्यादातर टेलिकॉम कंपनियों ने विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि 11 डिजिट मोबाइल नंबर स्कीम से सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर समेत बड़े पैमाने पर कन्फिग्युरेशन मॉडिफिकेशन करने पड़ेंगे, जिससे लागत बढ़ेगी. साथ ही ग्राहकों को असुविधा व कन्फ्यूजन होगा. ट्राई का भी यही मानना है कि 11 डिजिट नंबर होने से ग्राहक को एक्स्ट्रा डिजिट डायल करनी पड़ेगी और फोन मैमोरी को अपडेट करना पड़ेगा. इससे डायलिंग की गलतियां पैदा होंगी, कंपनियों को रेवेन्यु का नुकसान होगा.
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अभी सिंगल नंबरिंग स्कीम में माइग्रेशन की जरूरत नहीं
ट्राई ने शुक्रवार को कहा था कि अभी फिक्स्ड लाइन और मोबाइल सेवाओं के लिए यूनिफाइड या सिंगल नंबरिंग स्कीम में माइग्रेशन की जरूरत नहीं है. फिक्स्ड लाइन व मोबाइल सर्विसेज के लिए पर्याप्त नंबंरिंग रिसोर्सेज को सुनिश्चित करने को लेकर अपनी सिफारिशें जारी करते हुए ट्राई ने यह महसूस किया कि फिक्स्ड टू फिक्स्ड, मोबाइल टू फिक्स्ड और मोबाइल टू मोबाइल कॉल्स के लिए डायलिंग प्लान में बदलाव की जरूरत नहीं है. यह भी सिफारिश की गई है कि रिवाइज्ड व नया नेशनल नंबंरिंग प्लान जितना जल्दी हो सके जारी किया जाएगा.