/financial-express-hindi/media/post_banners/6o4c5oXCDyXxdShrAZLn.jpg)
UGC's instructions to universities: इस संबंध में यूजीसी ने आधिकारिक वेबसाइट https://www.ugc.gov.in/ पर एक नोटिस भी जारी किया है.
UGC's instructions to universities: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों से कहा है कि छात्रों की डिग्री और प्रोविजनल सर्टिफिकेट पर आधार नंबर छापने की अनुमति नहीं है. इस संबंध में यूजीसी ने आधिकारिक वेबसाइट https://www.ugc.gov.in/ पर एक नोटिस भी जारी किया है. हाइयर एजुकेशन रेगुलेटर का यह निर्देश उन खबरों के बीच आया है कि राज्य सरकारें विश्वविद्यालयों की ओर से जारी होने वाली डिग्रियों और अनंतिम प्रमाणपत्रों पर छात्रों का पूरा आधार नंबर छापने पर विचार कर रही हैं. इसका मकसद नियुक्ति या दाखिले की प्रक्रिया के दौरान सत्यापन में उक्त दस्तावेजों के इस्तेमाल की सुविधा देना है.
यूजीसी ने क्या कहा?
यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर कहा, ‘‘नियम के अनुसार आधार नंबर रखने वाली कोई भी संस्था इससे जुड़े किसी भी डेटाबेस या रिकॉर्ड को तब तक सार्वजनिक नहीं करेगी, जब तक कि नंबर को उचित तरीकों से संपादित या ब्लैक आउट न कर दिया गया हो.’’ पत्र में कहा गया, ‘‘छात्रों की डिग्री और अनंतिम प्रमाणपत्रों पर आधार नंबर छापने की अनुमति नहीं है. उच्च शिक्षण संस्थानों को यूआईडीएआई के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए.’’
यूआईडीएआई भी लोगों को जारी कर चुका है चेतावनी
यूआईडीएआई ने इससे पहले लोगों को कई बार सलाह दी है कि वे आधार को सार्वजनिक डोमेन, खासकर सोशल मीडिया और अन्य सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर खुले तौर पर साझा न करें. हालांकि अब यूजीसी ने ये फरमान शिक्षण संस्थानों को जारी किया है. एक बयान में यूआईडीएआई ने पहले कहा था कि आधार धारकों को किसी भी अनधिकृत संस्था को आधार ओटीपी का खुलासा नहीं करना चाहिए और किसी के साथ एम-आहार पिन साझा करने से बचना चाहिए.