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Unemployment rate report: भारत में बेरोजगारी दर 7.8% से बढ़कर 8.11% हुई, गांवों से ज्यादा शहर में हालात खराब

Unemployment rate report: भारत में बेरोजगारी दर पिछले 4 महीने में सबसे ज्यादा हो गया है. एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नौकरियां कम निकल रही हैं और उसकी तुलना में मांग बहुत ज्यादा है

Unemployment rate report: भारत में बेरोजगारी दर पिछले 4 महीने में सबसे ज्यादा हो गया है. एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नौकरियां कम निकल रही हैं और उसकी तुलना में मांग बहुत ज्यादा है

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FE Hindi Desk
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Unemployment rate report: सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकोनॉमी के आंकड़ों के मुताबिक भारत में बेरोजगारी में 0.31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

Unemployment rate report: भारत में बेरोजगारी दर पिछले 4 महीनों में सबसे ज्यादा हो गई है. एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नौकरियां कम निकल रही हैं और उसकी तुलना में मांग बहुत ज्यादा है. भारत की बढ़ती आबादी के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी रहेगी, खासकर जब वह अगली गर्मियों में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों में तीसरे कार्यकाल की ओर नजर जमाए हुए हैं. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकोनॉमी के आंकड़ों के मुताबिक भारत में बेरोजगारी में 0.31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

बेरोजगारी दर 7.8% से बढ़कर 8.11% फीसदी हुई

राष्ट्रव्यापी बेरोजगारी दर मार्च में 7.8 फीसदी से बढ़कर अप्रैल में 8.11 फीसदी हो गई है, जो दिसंबर के बाद सबसे अधिक है. रिसर्च फर्म सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडिया इकोनॉमी के आंकड़ों के मुताबिक, इसी समय शहरी बेरोजगारी 8.51 फीसदी से बढ़कर 9.81 फीसदी हो गई, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह एक महीने पहले के 7.47 फीसदी से मामूली रूप से गिरकर 7.34 फीसदी हो गई. सीएमआईई (CMIE) के प्रमुख महेश व्यास ने बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार के लिए एक कॉलम में लिखा, "लेबर पार्टिसिपेशन रेट में वृद्धि के कारण बेरोजगारी दर बढ़ी है."

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गावों से ज्यादा शहर बेहाल

सीएमआईई (CMIE) के प्रमुख महेश व्यास का कहना है, "अप्रैल में भारत की लेबर पावर 25.5 मिलियन से बढ़कर 467.6 मिलियन हो गई." इसके अलावा लेबर पार्टिसिपेशन रेट अप्रैल में 41.98 फीसदी तक पहुंच गई, जो तीन वर्षों में सबसे अधिक है. सीएमआईई के आंकड़ों से पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक नौकरियां सृजित की गईं. ग्रामीण लेबर पावर में शामिल होने वाले लगभग 94.6 फीसदी लोग रोजगार प्राप्त कर चुके हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में केवल 54.8 फीसदी चाहने वालों को नई नौकरी मिली है. सीएमआईई का निष्कर्ष इस तथ्य की पुष्टि करता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार के रोजगार गारंटी कार्यक्रम की मांग कम हो रही है. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत काम की मांग जनवरी से बेहतर सर्दियों की फसल की बुवाई और अनौपचारिक क्षेत्र के रोजगार में सुधार के कारण कम हो रही है.

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