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'शहरवालों' की सबसे बड़ी चिंता बेरोजगारी, 69% मानते हैं कि देश सही रास्ते पर: सर्वे

सर्वे के अनुसार वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा, गरीबी और सामाजिक असमानता के अलावा जलवायु परिवर्तन भी देशवासियों को चिंतित करते हैं.

सर्वे के अनुसार वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा, गरीबी और सामाजिक असमानता के अलावा जलवायु परिवर्तन भी देशवासियों को चिंतित करते हैं.

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PTI
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Unemployment top worry for urban Indians says a survey

सर्वे के अनुसार वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा, गरीबी और सामाजिक असमानता के अलावा जलवायु परिवर्तन भी देशवासियों को चिंतित करते हैं. (Representational Image)

Unemployment top worry for urban Indians says a survey सर्वे के अनुसार वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा, गरीबी और सामाजिक असमानता के अलावा जलवायु परिवर्तन भी देशवासियों को चिंतित करते हैं. (Representational Image)

देश में बेरोजगारी को लेकर युवा खासकर, शहर में रहने वाले, परेशान हैं. एक सर्वे के अनुसार करीब आधे शहरी भारतीय बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर चिंतित हैं. हालांकि, 69 प्रतिशत सोचते हैं कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. रिसर्च फर्म आईपीसोस के ‘दुनिया को क्या चिंतित करती है’ विषय पर किये गये सर्वे के अनुसार वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा, गरीबी और सामाजिक असमानता तथा जलवायु परिवर्तन अन्य मसले हैं जो देश के नागरिकों को चिंतित करते हैं.

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सर्वे के अनुसार, दुनिया में निराशावाद के उलट भारत में नीतियों को लेकर लोगों में उम्मीद है. 69 फीसदी शहरी भारतीय मानते हैं कि देश सही रास्ते पर है। वहीं 61 फीसदी वैश्विक नागरिकों का मानना है कि देश गलत दिशा में जा रहा है.

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इसमें कहा गया है, ‘‘सर्वे में शामिल कम-से-कम 46 फीसदी शहरी भारतीय बेरोजगारी को लेकर खासे परेशान हैं. अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में इसमें 3 फीसदी की और वृद्धि हुई है.’’

भारतीयों को परेशान करने वाले मसले

सर्वे के मुताबिक, ‘‘कुछ अन्य मसले जो भारतीयों को परेशान कर रहे हैं, उसमें वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार, अपराध और हिंसा, गरीबी और सामाजिक असमानता और जलवायु परिवर्तन शामिल हैं.’’

वहीं, दूसरी तरफ गरीबी और सामाजिक असामनता वैश्विक नागरिकों के लिये शीर्ष चिंता का विषय है. उसके बाद बेरोजगारी, अपराध और हिंसा, वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार तथा स्वास्थ्य का स्थान हैं. सर्वे हर महीने 28 देशों में ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है.

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