scorecardresearch

बजट 2021: वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये

Budget 2021: वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य में से एक लाख करोड़ रुपये सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे. 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश से आएंगे.

Budget 2021: वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य में से एक लाख करोड़ रुपये सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे. 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश से आएंगे.

author-image
FE Online
New Update
Budget 2021 : FY22 disinvestment target at Rs 1.75 lakh cr; financial services in strategic sectors list

सरकार ने चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य में भारी कटौती कर इसे 32,000 करोड़ रुपये कर दिया है.

Union budget 2021: सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. सरकार का अगले वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों तथा एक बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री का इरादा है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) के विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था. हालांकि, कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर सरकार ने चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य में भारी कटौती कर इसे 32,000 करोड़ रुपये कर दिया है.

सरकार अभी तक चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री और शेयर पुनर्खरीद से 19,499 करोड़ रुपये जुटा पाई है. अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य में से एक लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में सरकार की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे. 75,000 करोड़ रुपये सीपीएसई विनिवेश से आएंगे.

Advertisment

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट 2021-22 में विनिवेश/रणनीतिक विनिवेश नीति की घोषणा करते हुए कहा कि चार क्षेत्र परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष और रक्षा; परिवहन एवं दूरसंचार; बिजली, पेट्रोलियम, कोयला और अन्य खनिज; और बैंकिंग, बीमा और वित्तीय सेवाएं रणनीतिक क्षेत्र में आएंगी. रणनीतिक क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की मौजूदगी न्यूनतम रहेगी. रणनीतिक क्षेत्र के शेष सीपीएसई का निजीकरण किया जाएगा या इनको अन्य सार्वजनिक उपक्रमों में मिलाया जाएगा या इन्हें बंद किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में बीपीसीएल, एअर इंडिया, आईडीबीआई बैंक, शिपिंग कॉरपोरेशन, नीलाचल इस्पात निगम लि., कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, बीईएमएल, पवन हंस और अन्य कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा.

सीतारमण ने कहा, ‘‘आईडीबीआई बैंक के अलावा हम सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों तथा एक साधारण बीमा कंपनी का अगले वित्त वर्ष में निजीकरण करेंगे. इसके लिए विधायी संशोधन इसी सत्र में लाए जाएंगे.’’ उन्होंने कहा कि एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए भी विधायी संशोधन संसद के मौजूदा सत्र में ही लाए जाएंगे। सीतारमण ने बताया कि नीति आयोग को रणनीतिक विनिवेश के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों की अगली सूची पर काम करने को कहा गया है. राज्यों को अपने सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश के लिए प्रोत्साहित करने को सरकार उनके लिए केंद्रीय कोष से प्रोत्साहन पैकेज लाएगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि बीमार या घाटे वाले केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को समयबद्ध तरीके से बंद करने के लिए एक संशोधित व्यवस्था भी लाई जाएगी. सीतारमण ने कहा कि बेकार पड़ी संपत्तियों से आत्मनिर्भर भारत में कोई योगदान नहीं मिलने वाला है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के स्वामित्व वाली जमीनों के मौद्रिकरण (बिक्री/पट्टेदारी) के लिए एक विशेष इकाई (एसपीवी) बनाई जाएगी.

Union Budget 2021 Nirmala Sitharaman Narendra Modi