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Representative image. Source: PTI
Union Budget 2021 in Hindi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में DICGC (डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन) एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखा है. ऐसा इसलिए ताकि संकटग्रस्त बैंकों क जमाकर्ता भी 5 लाख रुपये तक की जमा को निकाल सकें. सरकार ने बैंक ग्राहकों के लिए पिछले बजट 2020 में जमा पर मिलने वाले बीमा कवर की लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी थी.
यानी किसी भी बैंक में हर जमाकर्ता की 5 लाख रुपये तक की जमा सुरक्षित है. बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस कैंसिल होने पर इतनी ही सीमा में धनराशि का भुगतान जमाकर्ता को किया जाता है, फिर चाहे बैंक में उसका कितना ही पैसा जमा क्यों न हो. 5 लाख रुपये तक की जमा सुरक्षित होने की गारंटी DICGC की ओर से होती है. DICGC, भारतीय रिजर्व बैंक के स्वामित्व वाली सब्सिडियरी है, जो बैंक जमा पर इंश्योरेंस कवर उपलब्ध कराती है.
मौजूदा बजट सत्र में ही होगा संशोधन
बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया है कि मौजूदा बजट सत्र में DICGC एक्ट 1961 में संशोधन कर एक प्रस्ताव लाया जाएगा, जिससे कि प्रावधानों को स्ट्रीम लाइन किया जा सके. ऐसा होने पर अगर कोई बैंक अस्थायी रूप से अपने दायित्वों का निर्वाह करने में असफल हो जाता है तो बैंक में जमा करने वालों को आसानी से और समय से अपनी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि मिल सकेगी.
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स्वागत योग्य कदम: एक्सपर्ट
बैंकबाजार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि जमा बीमा दावों को कारगर बनाने के सरकार के कदम का स्वागत है. पिछले साल सरकार ने जमाकर्ताओं के हित में जमा बीमा कवरेज को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था. लेकिन बीमा दावा केवल तभी किया जा सकता है, जब बैंक का लाइसेंस रद्द किया जाए और उसकी परिसमापन कार्यवाही शुरू हो. अब नई घोषणा के अनुसार, बैंक ग्राहक जिनके खाते बैंक के बुरे प्रदर्शन के कारण फ्री कर दिए गए हैं, उन्हें भी अपने पैसे निकाल पाने में आसानी होगी.