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Kharif Crop: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2023-24 के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 143 रुपये बढ़ा दिया.
Cabinet Decision on MSP: केंद्र सरकार ने किसानों की आय में इजाफा करने के लिए राहत भरा फैसला लिया है. कैबिनेट ने धान समेत वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खरीफ सीजन के कई फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है. सरकार ने मूंग दाल का समर्थन मूल्य सबसे ज्यादा 10 फीसदी बढ़ाया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने फैसले के बाद मीडिया को बताया कि कम महंगाई में सरकार ने किसानों के हित में यह फैसला लिया है. धान की एमएसपी 143 रुपये बढ़ाकर अब 2183 रुपया प्रति क्विंटल की गई है. जबकि ए ग्रेड का धान 2203 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है.
किस फसल के लिए कितनी बढ़ी कीमत
कैबिनेट ने 2023-24 के लिए उड़द दाल की एमएसपी को 350 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. वहीं, मक्के की एमएसपी को 128 रुपये प्रति क्विंटल और धान की एमएसपी 143 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दी है. ज्वार की एमएसपी 3180 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है. तुअर दाल की एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विटल की बढ़ोतरी की गई है. कैबिनेट की ओर से मूंग के एमएसपी में सर्वाधिक बढ़ोतरी की गई है और यह बढ़कर 8558 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है. इससे देश में किसानों को लाभ होगा और नई फसल के लिए अच्छे दाम मिल पाएंगे.
Union Cabinet has approved increased MSP for Kharif crops for marketing season 2023-24. This move is to ensure remunerative prices to growers for their produce and to encourage crop diversification: Union Minister Piyush Goyal pic.twitter.com/lgocKi8xMn
— ANI (@ANI) June 7, 2023
किसानों को उचित कीमत देने के लिए उठाया कदम
2023-24 सीजन के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोतरी केंद्रीय बजट 2018-19 की अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की घोषणा के अनुरूप है. सरकार का कहना है कि यह कदम 2018-19 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप किसानों से किया गया वादा पूरा किया जा रहा है. यह किसानों को उचित पारिश्रमिक देने की दिशा में एक कदम है. बाजरा (82%) के बाद तुअर (58%), सोयाबीन (52%) और उड़द (51%) के मामले में किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन सबसे अधिक होने का अनुमान है. बाकी फसलों के लिए, किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर मार्जिन कम से कम 50% होने का अनुमान है.
MSP: न्यूनतम मूल्य की गारंटी
बता दें कि एमएसपी देश में किसानों को उनकी उपज के न्यूनतम मूल्य की गारंटी देती है. यह किसानों के लिए एक फसलों की सुरक्षा की गारंटी के समान है. माना जाता है कि इससे देश में सरकार किसानों की आय में बढ़ोतरी भी करने की दिशा में कदम उठाती है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने तीन दालों तुअर, उड़द और मसूर के लिए फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 40 फीसदी खरीद की लिमिट हटा दी है. मूल्य समर्थन योजना तभी लागू होता है जबकि कृषि उत्पादों का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आता है. सरकार ने यह कदम घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए उठाया है.