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उत्तप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को सात छोटी पार्टियों का समर्थन मिला है. (फोटो - इंडियन एक्सप्रेस)
UP Assembly elections 2022: उत्तरप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां राज्य के जातीय आधार रखने वाले छोटे दलों को अपने साथ मिलाने की कोशिश कर रही हैं. बुधवार को हिस्सेदारी मोर्चा के सात घटक दलों ने आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपना समर्थन देने की घोषणा की. सत्तारूढ़ भाजपा ने बुधवार को कहा कि उसे पूर्वांचल या पूर्वी यूपी इलाके से पिछड़ी जातियों के सात छोटी पार्टियों का समर्थन मिला है. लखनऊ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उनके साथ मंच साझा करने वाले सात दलों के अध्यक्षों ने आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को अपना समर्थन देने की घोषणा की है. यह घोषणा उस दिन हुई जब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के 19वें स्थापना दिवस के मौके पर मऊ जिले में एक रैली में शामिल हुए.
सपा ने राजभर को नहीं दिया कभी टिकट
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी के अध्यक्ष भीम राजभर पहले ओम प्रकाश राजभर की अध्यक्षता में SBSP की यूपी यूनिट के अध्यक्ष थे. समाजवादी पार्टी के साथ SBSP के गठबंधन पर प्रतिक्रिया देते हुए, सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव की पार्टी का राजभर समुदाय से कोई संबंध नहीं है. समाजवादी पार्टी ने हमेशा राजभर का शोषण किया है और चुनाव में कभी टिकट नहीं दिया. अगर ओम प्रकाश राजभर गठबंधन कर भी लेते हैं तो भी सपा को एक भी राजभर का वोट नहीं मिलने वाला है.
ये हैं सात पार्टियां
भाजपा को अपना समर्थन देने वाली सात पार्टियों में भारतीय मानव समाज पार्टी (Bharatiya Manav Samaj Party), मुसरहर आंदोलन मंच (गरीब पार्टी) (Musrahar Andolan Manch), शोषित समाज पार्टी (Shoshit Samaj Party), मानव हित पार्टी (Manav Hit Party), भारतीय सुहेलदेव जनता पार्टी (Bharatiya Suheldev Janta Party), पृथ्वी राज जनशक्ति पार्टी (Prithvi Raj Janshakti Party), भारतीय समता समाज पार्टी (Bharatiya Samta Samaj Party) शामिल है. इन दलों के नेता जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, वाराणसी, आजमगढ़ (पूर्वी यूपी) और एटा (पश्चिमी यूपी) से हैं.