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यूपी चुनाव की रणभेरी बज चुकी है और सभी राजनीतिक पार्टियां धुआंधार प्रचार कर रही है. इसके चलते हिंदी न्यूज चैनलों पर जमकर विज्ञापनों के पैसे बरस रहे हैं.
UP Election 2022: देश के सबसे बड़े प्रदेश यूपी की अगली विधानसभा के लिए अगले साल फरवरी-मार्च 2022 में चुनाव हो सकते हैं. इंडस्ट्री के अनुमानों के मुताबिक सभी पार्टियां विज्ञापनों पर 8 हजार करोड़ रुपये खर्च कर सकती हैं जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा टीवी विज्ञापनों का होगा. करीब 40-45 फीसदी यानी 3200-3600 करोड़ रुपये न्यूज मीडियम के जरिए विज्ञापनों पर खर्च होंगे. इंडस्ट्री के आकलन के मुताबिक 2017 के विधानसभा चुनावों में विज्ञापनों पर 5500 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.
यूपी चुनाव की रणभेरी बज चुकी है और सभी राजनीतिक पार्टियां धुआंधार प्रचार कर रही है. इसके चलते हिंदी न्यूज चैनलों पर जमकर विज्ञापनों के पैसे बरस रहे हैं. यूपी में सबसे अधिक लोकसभा और विधानसभा सीटे हैं. प्रदेश में विधानसभा की 403 और लोकसभा की 80 सीटें हैं. ब्रैंडवैगन ऑनलाइन से बातचीत में एक सीनियर न्यूज ब्रॉ़डकॉस्टिंग ऑफिशियल ने जानकारी दी कि प्रदेश चुनाव के हिंदी और अंग्रेंजी दोनों भाषाओं के व्यूअरशिप में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. हिंदी न्यूज व्यूअरशिप में 15 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश का है जिसके चुनावों और मतगणना के दौरान 60-80 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है.
चुनाव के चलते 25% बढ़ सकते हैं विज्ञापनों के भाव
इंडस्ट्री के आकलन के मुताबिक प्राइम टाइम (रात 8 बजे से 10 बजे) के दौरान आर भारत और एबीपी जैसे हिंदी न्यूज चैनलों पर 10 सेकंड के ऐड के लिए 10 हजार से 30 हजार रुपये का भाव है. टाइम्स नाऊ और रिपब्लिक जैसे अंग्रेजी चैनलों की बात करें तो इन पर प्राइम टाइम (रात 8 से 11 बजे) के दौरान 10 सेकंड के ऐड के लिए 9 हजार-15 हजार रुपये का भाव है. चुनाव को देखते हुए स्पेशल प्रोग्रामिंग के लिए विज्ञापनों के भाव 10-12 फीसदी बढ़ चुके हैं और दिसंबर के मध्य तक इसमें 15 फीसदी की अतिरिक्त बढ़ोतरी हो सकती है. अनुमान के मुताबिक हिंदी न्यूज नेटवर्क को यूपी चुनाव के दौरान विज्ञापनों से 150-200 करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है.
दिग्गज नेटवर्क्स ने लॉन्च किए नए न्यूज चैनल
देश के कुछ लीडिंग नेटवर्क ने नए न्यूज चैनल लॉन्च किए हैं. जैसे कि टाइम्स न्यूज नेटवर्क ने अगस्त में अपने हिंदी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ नवभारत लॉन्च किया था. इसके अलावा लीडिंग नेटवर्क्स ने चुनाव को लेकर अतिरिक्त विशेष कार्यक्रम शुरू किया है. जैसे कि एबीपी (आनंदबाजार पत्रिका) ने अपने राष्ट्रीय व क्षेत्रीय चैनलों पर इलेक्शन कवरेज शुरू कर दिया है. एबीपी न्यूज नेटवर्क के सीईओ अविनाश पांडेय के मुताबिक यूपी चुनाव के कवरेज के लिए 10 नए कार्यक्रम लॉन्च किए गए हैं जिसमें से आठ हिंदी न्यूज चैनल एबीपी गंगा पर चल रहे हैं. इसके अलावा एबीपी नेटवर्क ने चुनाव को देखते हुए एबीपी सी-वोटर सर्वे भी चला रहा है. पांडेय ने उम्मीद जताई है कि स्पांसरशिप, स्पॉट रेट और नॉन-फैक्ट ऐड्स के जरिए ऐड हासिल करने के लिए मजबूत स्थिति में हैं.
(Article: Vainavi Mahendra)