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अटल आवासीय विद्यालय योजना: उत्तर प्रदेश में निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए राज्य सरकार अटल आवासीय विद्यालय योजना पर काम कर रही है. कई निर्माण श्रमिकों की गरीबी और साधनहीनता के कारण उनके बच्चे स्कूलों में प्रवेश नहीं ले पाते हैं या प्रवेश लेने के बाद अपनी शिक्षा जारी नहीं रख पाते हैं. निर्माण-श्रमिकों के ऐसे बच्चों के लिए ही राज्य सरकार अटल आवासीय विद्यालय बना रही है. पंजीकृत निर्माण-श्रमिकों के बच्चों को प्राथमिक‚ जूनियर हाईस्कूल एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराते हुए उन्हें गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करना इस योजना का उद्देश्य है. इस योजना के तहत चरणबद्ध तरीके से विद्यालयों का संचालन 2021 से शुरू किया जाएगा.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा है कि अटल आवासीय विद्यालय के निर्माण की बड़ी कार्रवाई को सरकार ने अपने हाथों में लिया है. प्रदेश के सभी मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जाने की कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा की जा रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रथम चरण में प्रदेश की 18 कमिश्नरी में 18 अटल आवासीय विद्यालय प्रदेश में स्थापित करने जा रहे हैं. प्रदेश की 18 कमिश्नरी मुख्यालय पर 12 से 15 एकड़ के क्षेत्रफल में ये विद्यालय बनेंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए अत्याधुनिक सुविधा से युक्त इन सभी विद्यालयों की व्यवस्था की जा रही है. सभी विद्यालय जहां अत्याधुनिक शिक्षा देंगे, वहीं अगर किसी बच्चे की रुचि खेल में है तो स्पोर्ट्स गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य किया जाएगा. अगर किसी बच्चे को पढ़ाई के इतर किसी क्षेत्र में अपना हुनर दिखाने को कोई मंच चाहिए तो उसके लिए भी स्किल डेवलपमेंट के अंतर्गत इस संस्थान में उस प्रकार की सुविधा दी जाएगी. विद्यालय में रहने-खाने और सभी प्रकार की सुविधाओं की व्यवस्था शासन द्वारा की जाएगी.
पात्रता एवं लाभ
उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (विनियमन एवं सेवाशर्तें) अधिनियम 1996 की धारा 12 के अन्तर्गत लाभार्थी के रूप में पंजीकृत सभी निर्माण–श्रमिकों के ऐसे पुत्र⁄पुत्रियां‚ जिनकी आयु 06 से 14 वर्ष के मध्य है‚ आवासीय विद्यालयों में प्रवेश पाने के पात्र होंगे. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सीएम ने कहा है कि अनाथ बच्चे या जिनके माता-पिता दिव्यांग हैं अथवा किसी असाध्य बीमारी से ग्रसित हैं और उनके पास रोजी-रोटी का कोई दूसरा चारा नहीं है, परिवार भूमिहीन है, उन्हें भी राज्य सरकार ने अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेश हेतु पात्रता की श्रेणी में रखा है. सभी बच्चे अटल आवासीय विद्यालयों में निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं.
योजना की रुपरेखा/क्रियान्वयन के प्रमुख प्वॉइंट्स
- योजना का संचालन महिला समाख्या/गैर सरकारी स्वैच्छिक संस्थाओं यानी एनजीओ/राजकीय संस्थानों, यूनिवर्सिटीज व ऐसी अन्य संस्थाओं, जैसा कि बोर्ड द्वारा निर्णय लिया जाए और बोर्ड के ऐसे फैसले को उत्तर प्रदेश शासन की अनापत्ति प्राप्त हो, के माध्यम से कराया जाएगा.
- कक्षा-5 तक की पढ़ाई 2 साल के ब्रिज कोर्स के रूप में होगी. कक्षा-6 से कक्षा-8 तक की पढ़ाई 3 साल की होगी. कक्षा 9 से 12 तक की शिक्षा देने के लिए बच्चों के अनुभव के आधार पर अलग से योजना बनाई जाएगी.
- योजना के अंतर्गत विद्यालय पूर्णत: आवासीय, जहां जरूरी हो अलग-अलग या फिर सह शिक्षा के आधार पर संचालित होंगे. विद्यालय में बेसिक शिक्षा परिषद/सीबीएसई/आईसीएसई, जो भी यूपी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मका कल्याण बोर्ड द्वारा निर्धारित किया जाए, उस बोर्ड के पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा दी जाएगी.
- प्रत्येक विद्यालय में 4 पूर्णकालिक अध्यापक, 3 अंशकालिक अध्यापक, 1 वार्डेन, 1 लेखाकार, 4 चौकीदार/चपरासी, 1 मुख्य रसोइया एवं 1 सहायक रसोइया रखे जाएंगे.
- प्रत्येक आवासीय विद्यालय में कम से कम 5 कक्ष होंगे, जिनमें से 1 कक्ष अध्यापकों के लिए, 1 कक्ष कार्यालय के लिए और 3 कक्ष बच्चों की शिक्षा के लिए होंगे. पहले दो कक्ष 15x20 वर्ग फीट क्षेत्रफल के और शेष 3 कक्ष 25x25 वर्ग फीट क्षेत्रफल के होंगे. छात्रावास में कम से कम 15x20 वर्ग फीट का एक कक्ष वार्डेन के लिए होगा.
- प्रत्येक विद्यालय में कम से कम 03 शौचालय, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था और बिजली कनेक्शन का होना जरूरी है.
- आवासीय विद्यालयों में छात्र एवं छात्राओं के लिये अलग-अलग छात्रावास यानी हॉस्टल की व्यवस्था होगी. ऐसा प्रत्येक आवास/कक्ष/डारमेट्री कम से कम 2000 वर्गफीट क्षेत्रफल का होगा. छात्र/छात्राओं के लिए कम से कम 3-3 अलग-अलग शौचालय एवं स्नानगृह होंगे.
- प्रत्येक छात्रावास में 1 किचन होगा और कम से कम 1000 वर्गफीट क्षेत्रफल का भोजनालय-कक्ष होगा.
- आवासीय विद्यालयों के छात्र एवं छात्राओं को प्रतिदिन प्रातःकाल नाश्ता, दोपहर का खाना, शाम की चाय और रात का खाना (डिनर) दिया जाएगा. छात्रावास में स्वच्छ पेयजल, खेल-कूद एवं मनोरंजन की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी.