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Mohit Yadav death case : UPSRTC के बस कंडक्टर की नौकरी से निकाल दिए गए मोहित यादव का शव रेलवे ट्रैक पर मिला. (Photo : Indian Express)
UP bus conductor Mohit Yadav death case : उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में एक पूर्व बस कंडक्टर का शव रेलवे ट्रैक पर बुरी हालत में मिला है. 32 साल के मोहित यादव उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) में बस कंडक्टर थे. करीब तीन महीने पहले उन्हें कुछ यात्रियों के नमाज पढ़ने पर हुए विवाद के सिलसिले में नौकरी से निकाल दिया गया था. हालांकि मोहित के शव के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, लेकिन मोहित की पत्नी और अन्य परिवार वालों का कहना है कि नौकरी चले जाने के कारण उन्हें काफी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा था. तमाम कोशिशों के बावजूद जब नौकरी बहाल नहीं हो पाई तो निराश होकर उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी.
क्यों गई थी मोहित यादव की नौकरी?
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक करीब तीन महीने पहले आरोप लगा था कि दिल्ली आ रही एक बस को बरेली के पास इसलिए रुकवा दिया गया था क्योंकि दो मुस्लिम यात्रियों को नीचे उतरकर नमाज पढ़नी थी. खबर के मुताबिक 3 जून की इस घटना का वीडियो वायरल होने पर दो दिन बाद ही मोहित और बस के ड्राइवर केपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई की गई. UPSRTC के नियमित कर्मचारी केपी सिंह को सस्पेंड कर दिया गया, जबकि निगम के लिए 10 साल से कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे मोहित यादव को नौकरी से निकाल दिया गया.
मोहित को लगता था बिना वजह निकाला गया
मोहित के रिश्ते के भाई टिंकू यादव के मुताबिक मोहित को लगता था कि उन्हें बिना वजह नौकरी से निकाल दिया गया. मोहित का कहना था कि बस इसलिए रोकनी पड़ी थी, क्योंकि कुछ यात्रियों ने बाथरूम जाने के लिए बस रोकने का आग्रह किया था. इसी दौरान दो यात्री नीचे उतरकर नमाज पढ़ने लगे. टिंकू के मुताबिक मोहित का कहना था कि अधिकारियों ने सिर्फ वायरल वीडियो के आधार पर कार्रवाई कर दी. उनकी या बस के ड्राइवर की कोई सफाई नहीं सुनी गई. नौकरी बहाल न हो पाने की वजह से मोहित बुरी तरह निराश हो गया था.
यात्रियों के बाथरूम जाने के लिए रोकी थी बस : ड्राइवर
टिंकू यादव की बात की पुष्टि बस के ड्राइवर केपी सिंह भी करते हैं. केपी सिंह का कहना है कि 3 जून को बस जब पड़ोस के रामपुर जिले में पहुंची तो कुछ यात्रियों ने बाथरूम जाने के लिए बस रुकवाने का आग्रह किया. इसके बाद बस को जब रोका गया तो दो यात्री नीचे उतरकर सड़क के किनारे नमाज़ पढ़ने लगे. केपी सिंह का कहना है कि बस वहां कुल मिलाकर 3 मिनट ही रुकी थी. मोहित की पत्नी रिंकी का कहना है कि उनके पति के वेतन से ही पूरा घर चलता था. परिवार के सबसे बड़े बेटे होने के कारण उनके कंधों पर काफी जिम्मेदारियां थीं. ऐसे में नौकरी चले जाने के कारण वे डिप्रेशन में डूब गए थे और इसी वजह से खुदकुशी कर ली. नागला कुशाली गांव के रहने वाले मोहित के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा चार साल का एक बेटा और तीन छोटे भाई हैं.
क्या है UPSRTC का दावा
UPSRTC के असिस्टेंट रीजनल मैनेजर (बरेली) संजीव श्रीवास्तव का दावा है कि मोहित और केपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई जांच के बाद ही की गई थी. मोहित ने आवेदन दिया था कि उसे एक और मौका दिया जाए. इस आवेदन को एक कमेटी के सामने रखा जाना था. मोहित घर से रविवार को यह कहकर निकला था कि वो एक दोस्त से मिलने जा रहा है और बाजार से कुछ सामान भी लेकर आना है. सोमवार की सुबह परिवार वालों को किसी ने बताया कि मोहित का शरीर रेलवे ट्रैक के पास पड़ा हुआ है. पुलिस ने मोहित के पास मौजूद आईडेंटिटी कार्ड के आधार पर उसकी शिनाख्त की और शव को ऑटोप्सी के लिए भेज दिया गया. जिस जगह पर मोहित का शव मिला, वो उसके घर से करीब एक किलोमीटर दूर है.
पुलिस कर रही है जांच
मैनपुरी में तैनात जीआरपी (GRP) के एसएचओ अरविंद कुमार का कहना है कि उन्हें एक गैंगमैन ने रेलवे ट्रैक के इंस्पेक्शन के दौरान मोहित का शव मिलने की जानकारी दी. जब पुलिस वहां पहुंची तो मोहित के फोन की घंटी बज रही थी. पुलिस ने फोन उठाकर बात की तो उसके बारे में पता चला. इस बीच स्थानीय लोग वहां आ गए और उन्होंने भी शव को पहचान लिया. मोहित के परिजनों ने लिखकर दिया है कि उसकी मौत ट्रैक पार करते समय ट्रेन की चपेट में आने से हुई है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.