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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. (IE File Photo)
UP Education Service Commission (UPESC): उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UP Education Service Commission-UPESC) के गठन संबंधी प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को मंजूरी दे दी. यह आयोग राज्य में उच्च, माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभागों में शिक्षकों की भर्ती करेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लखनऊ में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
UPESC में होंगे एक अध्यक्ष और 12 सदस्य
उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी देते हुए पत्रकारों को बताया कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग एक इंटीग्रेटेड आयोग के रूप में काम करेगा. आयोग का मुख्यालय प्रयागराज (इलाहाबाद) में होगा. इसमें एक अध्यक्ष और 12 सदस्य होंगे.
UPESC से चयन प्रक्रिया में आएगी पारदर्शिता: योगेंद्र उपाध्याय
सीएम योगी के नेतृत्व वाली प्रदेश की सरकार ने अप्रैल में इस संबंध में गाइडलाइन जारी किए थे. यूपी के शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस एकीकृत आयोग से समयबद्धता, प्रामाणिकता और पारदर्शिता आएगी. यह पारदर्शी और समान चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने में उपयोगी साबित होगा. फिलहाल यूपी में संचालित बेसिक, माध्यमिक, उच्च और टेक्निकल इंस्टीट्यूट में योग्य शिक्षकों के चयन के लिए अलग-अलग प्राधिकरण, बोर्ड और आयोग हैं.राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा आयोग, माध्यमिक शिक्षकों के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग है. इसके अलावा, अन्य शिक्षकों का चयन अभी तक अलग-अलग माध्यमों से किया जाता रहा है.
यूपी सरकार ने इस साल अप्रैल में शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया था. UPESC आयोग के जरिए सरकार प्रदेश के सभी यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल और मदरसों में शिक्षक की भर्ती कराएगी. पहली से लेकर 8वीं कक्षा तक के स्कूलों में टीचर बनने के लिए पात्रता परीक्षा टीईटी (TET) भी शिक्षा सेवा चयन आयोग ही कराएगी.
UPESC के फायदे
- शिक्षा सेवा चयन सभी स्कूलों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए काम करेगा. मिसाल के तौर अगर किसी स्कूल में शिक्षक की भर्ती होनी है तो आयोग शैक्षिक सत्र से पहले शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर देंगे. ताकि नए सत्र की शुरुआत से पहले ही शिक्षकों की भी भर्ती हो जाए.
- अब तक राज्य में शिक्षकों की भर्ती के लिए अलग-अलग संस्थाएं काम करती थी. लेकिन इस आयोग से शिक्षकों की भर्ती में तेजी आएगी.
- इस आयोग में अध्यक्ष के अलावा 12 सदस्यों में यूनिवर्सिटी कालेज के कुलपति, आईएएस अफसर, जज जैसे बड़े बड़े पदों पर रह चुके शख्स होंगे. वे शिक्षक बनने के लिए अप्लाई किए उम्मीदवारों का सही तरीके से आकलन कर पाएंगे कि दावेदार बच्चों के पढ़ाने में सक्षम हो पाएगा या नहीं.
- अब तक मदरसा और माध्यमिक स्कूलों में भर्तियों की जिम्मेदारी माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की होती है और इसमें चयन पर काफी वक्त लग जाता था. लेकिन आयोग के गठन के बाद शिक्षकों की भर्ती में तेजी आएगी और इस प्रक्रिया में पारदर्शिता जरूर देखने को मिलेगा.