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याचिका में सिविल प्रतियोगियों ने कहा था कि कोरोना के चलते पिछले साल उनकी तैयारी प्रभावित हुई थी. (Representative Image)
UPSC Civil Aspirants: पिछले साल अक्टूबर 2020 में अपने अंतिम चांस में सिविल परीक्षा देने वाले प्रतिभागियों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस याचिका में यूपीएससी एस्पिरेंट्स ने एक्स्ट्रा अटेम्प्ट की मांग की थी. यूपीएससी एग्जाम में सामान्य वर्ग के लोगों को 32 वर्ष की उम्र तक 6 अटेम्प्ट्स, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 35 वर्ष की उम्र तक 9 अवसर और एससी/एसटी कैंडिडेट्स को 37 वर्ष की उम्र तक अनलिमिटेड चांस मिलते हैं. याचिका में पिछले साल अक्टूबर 2020 में अपना अंतिम अटेम्प्ट्स देने वाले प्रतियोगयों ने मांग की थी कि कोरोना महामारी और नेशनल लॉकडाउन के चलते उनकी तैयारी प्रभावित हुई थी, ऐसे में उन्हें एक और अवसर दिया जाना चाहिए.
शर्तों के साथ एक्स्ट्रा चांस देने को सहमत
फरवरी की शुरुआत में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह अपने सभी अवसर में एग्जाम दे चुके यूपीएससी सिविल सर्विसेज एस्पिरेंट्स को एक अतिरिक्त मौका देने के लिए तैयार है. हालांकि केंद्र सरकार के मुताबिक वह सिर्फ उन्हें एस्पिरेंट्स को मौका देगी जिनकी आय निर्धारित सीमा को पार नहीं किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक केंद्र सरकार ने कहा था कि वह ऐसे कैंडिडेट्स को सिर्फ एक अतिरिक्त मौका देने के लिए तैयार है जो सीएसई-2021 में बैठने के लिए उम्र की क्राइटेरिया को पूरा कर सकते हों और पिछले साल 2020 में उनका अंतिम चांस था.
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कोरोना के चलते तैयारी हुई थी प्रभावित- याचिका
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह ऐसे एस्पिरेंट्स को एक और मौका नहीं दे सकती है जिनका पिछले साल 2020 में अंतिम अवसर था और वे कोरोना महामारी के चलत इसमें शामिल नहीं हो सके थे या उनकी तैयारी अच्छी नहीं हो सकी थी. बता दें कि पिछले साल कोरोना महामारी के चलते देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था जिसके चलते कई एस्पिरेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका में कहा है कि उनकी तैयारी प्रभावित हुई और वे अपनी क्षमता के मुताबिक परीक्षा में प्रदर्शन नहीं कर सके. इस वजह से उन्होंने अतिरिक्त मौके की मांग के लिए याचिका दायर किया था.