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उत्तर प्रदेश में PET (Preliminary Eligibility Test)2022 एग्जाम देने वाले उम्मीदवारों को रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. (फोटो-पीटीआई)
UPSSSC PET 2022: उत्तर प्रदेश में PET (Preliminary Eligibility Test)2022 एग्जाम देने वाले उम्मीदवारों को रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Subordinate Services Selection Commission) की ओर से आयोजित इस परीक्षा में कुल 37.58 लाख स्टूडेंट्स शामिल हो रहे हैं. इसके चलते, यूपी के अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर भारी संख्या में स्टूडेंट्स की भीड़ देखने को मिल रही है और अफरातफरी का माहौल बना हुआ है. यह परीक्षा 15-16 अक्टूबर को आयोजित हो रही है. इसका मतलब है कि आज इस परीक्षा का अंतिम दिन है.
बता दें कि इस परीक्षा का आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार की 2022-23 की ग्रुप सी पदों पर होने वाली भर्तियों के लिए किया जा रहा है. इसे पास करने वाले स्टूडेंट्स ही ग्रुप सी पदों पर होने वाली भर्तियों के लिए एलिजिबल होंगे.
शनिवार को 66 फीसदी स्टूडेंट्स हुए परीक्षा में शामिल
इस परीक्षा में कुल 37.58 लाख उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. परीक्षा शनिवार और रविवार को चार पालियों में आयोजित की जानी थी. पहली पाली सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक है. मोटे तौर पर, राज्य भर के 1,899 केंद्रों में प्रत्येक पाली में लगभग 9 लाख उम्मीदवार शामिल हो रहे हैं. शनिवार को पहली पाली में 66 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई, जबकि दूसरी पाली में 67 प्रतिशत परीक्षार्थी शामिल हुए. सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो में राज्य भर में ट्रेनों और बसों में भारी भीड़ दिखाई दे रही है, जिसमें उम्मीदवारों को समय पर अपने केंद्रों तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.
कैसा है स्टूडेंट्स का अनुभव
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शनिवार को परीक्षा देने वाले गाजीपुर निवासी दीपक यादव (22) ने कहा कि उन्हें प्रयागराज में अपने परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा, “प्रयागराज तक पहुंचने के लिए मेरी कई ट्रेनें छूट गई, जो कि मेरे घर से 200 किमी से अधिक दूर है. मैं अपने गांव के 15 अन्य कैंडिडेट्स के साथ था. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से बीए करने वाले यादव ने कहा, "मैं किसी तरह गंगा-कावेरी एक्सप्रेस पर चढ़ने में कामयाब रहा. हालांकि यह ट्रेन भी खचाखच भरी हुई थी. खड़े होने के लिए भी जगह नहीं थी. यह काफी मुश्किल सफर था." लखनऊ विश्वविद्यालय से बीए करने वाले और मऊ के मूल निवासी मनीष सिंह (23) ने कहा कि वह रविवार को अपनी परीक्षा नहीं देने का मन बना रहे थे. उन्होंने कहा, “मेरी परीक्षा रविवार को कुशीनगर में है. भीड़भाड़ वाली ट्रेनों और बसों की तस्वीरें देखने के बाद इस परीक्षा में शामिल नहीं होने के बारे में सोच रहा हूं. कुशीनगर में भी बाढ़ जैसी स्थिति है और हो सकता है कि मैं समय पर केंद्र नहीं पहुंच पाऊं."
UPSSSC के चेयरमैन ने क्या कहा?
UPSSSC के चेयरमैन प्रवीर कुमार ने कहा, “हमारी ओर से, हमने दो सप्ताह पहले रेलवे और यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के साथ इस परीक्षा की योजना साझा की थी. UPSRTC ने 6,500 बसें तैनात की हैं. हमने रेलवे के अलग-अलग जोनल प्रमुखों को ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने के लिए भी कहा था.” यह पूछे जाने पर कि उम्मीदवारों को उनके गृह जिलों में केंद्र क्यों नहीं दिए गए, एक अधिकारी ने कहा, “UPSSC के नियम कहते हैं कि उम्मीदवारों को उनके गृह जिलों में केंद्र नहीं दिए जाने चाहिए. यह गोपनीयता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए किया गया है." अधिकारी ने कहा कि केवल शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को उनके गृह जिलों में केंद्र आवंटित किए जाते हैं.
(इनपुट-इंडियन एक्सप्रेस)