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The ordinance passed by the Yogi Adityanath-led cabinet seeks to stop the incidents of crime related to cow slaughter and was enacted as the state legislature is not in session, he added.
Image: PTIउत्तर प्रदेश सरकार ने प्रवासी कामगारों को रोजगार देने के लिए एक प्रवासी आयोग यानी माइग्रेशन कमीशन स्थापित करने का फैसला किया है. एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम एंड इनफॉरमेशन) अवनीश अवस्थी ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन की स्थिति के बारे मे समीक्षा करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने इसका निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से अब तक 23 लाख कामगारों और प्रवासियों को यूपी में वापस लाया जा चुका है.
यूपी के सीएम ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि प्रवासी कामगारों को राज्य स्तर पर बीमा भी उपलब्ध हो ताकि उनका जीवन सिक्योर हो सके. एक स्कीम तैयार की जाए ताकि उन्हें जॉब सिक्योरिटी मिल सके. इसके पहले योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को प्रवासी कामगारों के कौशल का पता लगाने को कहा था ताकि उन्हें क्वारंटाइन की अवधि समाप्त होने पर उसी के आधार पर रोजगार दिया जा सके.
कृषि विभाग, दुग्ध समितियों में बड़े पैमाने पर मिल सकता है रोजगार
रविवार को अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कामगारों व श्रमिकों को रोजगार देने के लिए एक माइग्रेशन कमीशन गठित करने की रूपरेखा बनाई जाए. कामगारों व श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर रोजगार देकर मानदेय दिया जाए. कृषि विभाग और दुग्ध समितियों में ऐसे श्रमिकों व कामगारों को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध करवाया जा सकता है.
होम क्वारंटाइन में हजार रुपये भरण-पोषण भत्ता
यूपी के सीएम का यह भी निर्देश है कि प्रदेश में आने वाले सभी श्रमिकों व कामगारों की स्क्रीनिंग कर उन्हें आवश्यकतानुसार क्वारंटाइन सेंटर या होम क्वारंटाइन में भेजा जाए. होम क्वारंटाइन किए जाने वाले श्रमिकों व कामगारों को खाद्यान्न किट जरूर दी जाए. इनके राशन कार्ड भी बनवाए जाएं. इसके अलावा होम क्वारंटाइन के दौरान 1,000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता भी उपलब्ध करवाया जाए.
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