/financial-express-hindi/media/post_banners/8UXClEpB2jrKz8g4FvvH.jpg)
कानपुर देहात में एक आम नागरिक के साथ ज्यादती को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं.
कानपुर देहात में एक आम नागरिक के साथ ज्यादती को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं. गोद में छोटे बच्चे को संभाल रहे शख्स पर पुलिस लाठियां भांजी. इस दौरान पुलिस के उग्र रूप से डरकर बच्चा रोता बिलखता रहा और उसे गोद में लिया शख्स लगातार बच्चे को बचाने की कोशिश करता नजर आया. उसने पुलिस वालों से ये गुहार भी लगाई कि लाठी न चलाएं बच्चे को चोट लग जाएगी, लेकिन पुलिस वालों पर कोई असर नहीं पड़ा. इतना ही नहीं, कुछ पुलिस वालों ने रोते-बिलखते बच्चे को उस शख्स के हाथ से जबरन खींचकर छीनने की कोशिश भी की.
यूपी पुलिस के इस बर्बरता भरे बर्ताव का वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा. विपक्ष ने भी इस मसले को जोरशोर से उठाना शुरू कर दिया. युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने घटना का वीडियो साझा करते हुए सवाल किया कि "योगी जी, इस मासूम की चीखें आपको सोने कैसे दे रही है?"
योगी जी, इस मासूम की चीखें
आपको सोने कैसे दे रही है? pic.twitter.com/nmnC1ko0rr
— Srinivas BV (@srinivasiyc) December 9, 2021
वीडियो वायरल होने पर कानुपर देहात के अकबरपुर नगर के जिला अस्पताल के पास की ये घटना बड़े पुलिस अफसरों की जानकारी में भी आई. लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि कानपुर देहात के एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) घनश्याम चौरसिया भी इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई का बचाव भी करते नजर आए. ट्विटर पर जारी वीडियो बयान में उन्होंने यहां तक कह दिया कि पुलिस ने उस बच्चे की सुरक्षा का प्रयास किया था. चौरसिया का कहना है कि जिला अस्पताल में एक ग्रेड-4 कर्मचारी रजनीश शुक्ल ने 100-150 लोगों के साथ मिलकर जबरन ओपीडी बंद कराया और अस्पताल कर्मियों व रोगियों के साथ गलत व्यवहार किया. रजनीश शुक्ला ने एसएचओ पर हमला भी किया, जिसके बाद उपद्रवियों को हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया.
#Kanpurdehatpolice थाना अकबरपुर क्षेत्र के जिला अस्पताल में हुई घटना के सम्बंध में घनश्याम चौरसिया अपर पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात द्वारा दी गई बाईट। pic.twitter.com/uY5X5t4L8D
— Kanpur Dehat Police (@kanpurdehatpol) December 9, 2021
एएसपी का कहना है कि गोद में बच्चा लिए जिस शख्स पर पुलिस ने लाठियां भांजी वो हंगामा करने वाले रजनीश शुक्ल का भाई है. लेकिन वायरल वीडियो को देखने पर ऐसा कहीं नहीं लगता कि बच्चा लिए शख्स भीड़ के साथ मिलकर हंगामा कर रहा है, वीडियो में वह अकेला ही दिख रहा है और चारों तरफ से पुलिस वालों से घिरा हुआ है. ऐसे में अगर पुलिस उसे हिरासत में लेना चाहती थी तो बिना लाठी बरसाए भी ऐसा कर सकती थी. हालांकि चौरसिया पुलिस की हरकत को तरह-तरह से जायज ठहराने के बाद मामले की जांच की बात भी करते हैं.
विपक्ष का योगी सरकार पर हमला
इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियों ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजीव राय ने कहा कि यह योगी सरकार की क्रूरता की एक झलक है. उन्होंने यूपी डीजीपी और एडीजी कानपुर को टैग करते हुए लिखा है कि अगर यूपी पुलिस में थोड़ी सी भी लज्जा और मानवता बची हो तो तत्काल इस जाहिल गुंडा दरोग़ा को गिरफ्तार करो.
ये योगी सरकार की क्रूरता की एक झलक है @dgpup@adgzonekanpur@Uppolice अगर थोड़ी सी भी लज्जा और मानवता बची हो तो
तत्काल इस जाहिल गुंडा दरोग़ा को गिरफ़्तार करो pic.twitter.com/JR9xhsXqwB
— Rajeev Rai (@RajeevRai) December 9, 2021
विपक्ष ही नहीं खुद बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने भी इस मामले में तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके. यह नहीं कि न्याय मांगने वालों को न्याय के स्थान पर इस बर्बरता का सामना करना पड़े, यह बहुत कष्टदायक है. भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं है. सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कानून का भय हो, पुलिस का नहीं.
सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके।
यह नहीं कि न्याय मांगने वालों को न्याय के स्थान पर इस बर्बरता का सामना करना पड़े,यह बहुत कष्टदायक है।भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं है।
सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कानून का भय हो,पुलिस का नहीं। pic.twitter.com/xoseGpWzZH
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 10, 2021
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा
विपक्ष के हमले और सोशल मीडिया पर बढ़ते दबाव के बीच यूपी पुलिस ने आखिरकार इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने का बयान जारी किया. इस बयान में यूपी पुलिस ने माना वायरल वीडियो में पुलिसकर्मियों ने जो संवेदनहीनता दिखाई है, उसे जायज नहीं ठहराया जा सकता. एडीजी जोन कानपुर को मामले की जांच करके दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
जनपद कानपुर देहात में एक बच्चे को गोद में लिए हुए व्यक्ति पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किये जाने के प्रकरण को अत्यंत गम्भीरता से लेते हुए @adgzonekanpur को प्रकरण की तत्काल जाँच करवाकर दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।(1/2) pic.twitter.com/o4D0VMoHhU
— UP POLICE (@Uppolice) December 9, 2021