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Uttarakhand Glacier Burst Disaster: चमोली आपदा में लापता 136 लोगों को माना जाएगा मृत, राज्य सरकार ने तय की प्रक्रिया

उत्तराखंड के चमोली जिले में इस महीने के शुरू में आई प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया तय कर दी है.

उत्तराखंड के चमोली जिले में इस महीने के शुरू में आई प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया तय कर दी है.

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PTI
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Uttarakhand Glacier Burst Disaster chamoli state government will declare 136 missing people will be presumed dead

उत्तराखंड के चमोली जिले में इस महीने के शुरू में आई प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया तय कर दी है.

Uttarakhand Glacier Burst Disaster: उत्तराखंड के चमोली जिले में इस महीने के शुरू में आई प्राकृतिक आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रक्रिया तय कर दी है. इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने प्रदेश के सभी डीएम और जिला जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिकारियों को एक नोटिफिकेशन जारी कर 7 फरवरी को भयंकर आपदा में लापता व्यक्तियों के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया की जानकारी दी है. उनसे इसका तुरंत पालन करने को कहा गया है.

जांच के बाद अधिकारी के कहने पर हो सकेगा मृत्यु पंजीकरण

सर्कुलर में कहा गया है कि आमतौर पर मृत्यु का पंजीकरण संबंधित व्यक्तियों की ओर से दी गई सूचना के आधार पर किया जाता है, लेकिन उत्तराखंड में हुई असाधारण घटना जैसी अपवाद परिस्थितियों में जांच के बाद किसी अधिकारी के कहने पर भी मृत्यु पंजीकरण किया जा सकता है. जिन लोगों के शव मिल गए हैं, उनका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने में सामान्य प्रक्रिया अपनाई जाएगी, लेकिन जिन लापता लोगों के शव नहीं मिले हैं, उनके मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उत्तराखंड में आई इस भयंकर आपदा में ही उनकी मौत होने की पूरी आशंका है.

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लापता लोगों को तीन कैटेगरी में बांटा गया

मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आपदा में लापता लोगों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. पहली में उन लापता लोगों को रखा गया है, जो आपदा प्रभावित जगहों के स्थायी निवासी थे या उन करीबी जगहों के स्थायी निवासी थे, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित जगहों में रह रहे थे. दूसरी कैटेगरी में वे लापता लोग हैं, जो उत्तराखंड के अन्य जिलों के निवासी थे, लेकिन आपदा के समय आपदा प्रभावित जगहों में मौजूद थे. और तीसरी कैटेगरी में अन्य राज्यों के लापता पर्यटक या व्यक्ति हैं, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित जगहों पर मौजूद थे.

ऋषिगंगा नदी में 7 फरवरी को अचानक आई बाढ़ से चमोली जिले के रैंणी और तपोवन क्षेत्र में जानमाल का भारी नुकसान हुआ था. आपदा में 204 लोग लापता हुए थे, जिनमें से अभी तक 68 के शव बरामद हो चुके हैं.

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