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(Image: Reuters)
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उत्तराखंड सरकार की ओर से राज्य के किसानों को पेंशन सुविधा (Kisan Pension) उपलब्ध है. इस पेंशन योजना के तहत 60 साल की उम्र पार कर चुके उत्तराखंडी किसानों को प्रतिमाह 1000 रुपये का लाभ मिलता है. यह योजना राज्य सरकार का समाज कल्याण विभाग चलाता है. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही किस्त के रूप में उत्तराखंड सरकार किसान पेंशन योजना के तहत 7.65 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर चुकी है. यह राशि 25397 लाभार्थी किसानों के खाते में पहुंची है.
उत्तराखंड सरकार की किसान पेंशन योजना का फायदा उठाने के लिए कुछ शर्तें भी हैं. ये शर्तें इस तरह हैं-
- किसान उत्तराखंड का निवासी हो.
- किसान महिला या पुरुष कोई भी हो सकता है.
- 60 वर्ष या इससे अधिक उम्र का लाभार्थी किसान 02 हेक्टेयर तक की खुद की जमीन पर खेती करता हो.
- जिस दिन से ऐसे किसानों द्वारा स्वयं की भूमि पर खेती करने का कार्य बंद किया जाएगा, उसी दिन से इस पेंशन योजना के अन्तर्गत दी जा रही पेंशन की सुविधा स्वतः समाप्त हो जाएगी.
- किसान को किसी अन्य स्रोत से पेंशन न मिल रही हो.
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आवेदन से जुड़ी जरूरी बातें
किसान को पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अपनी भूमि के सम्बन्ध में 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा. किसान का बैंक/डाकघर में खाता, आधार नंबर, वोटर आईडी, जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज होने चाहिए. किसान पेंशन योजना के लिए आवेदन करने के लिए फॉर्म http://socialwelfare.uk.gov.in/files/g-Kishan_Pension.pdf पर मौजूद है. इसे डाउनलोड कर मांगी गई सभी जानकारियां भरने के बाद इस पर ग्राम पंचायत विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान के हस्ताक्षर व मुहर लगेगी. फॉर्म को सहायक निरीक्षक उद्यान/कृषि और जिला उद्यान अधिकारी/मुख्य कृषि अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा. अधिक जानकारी ग्राम पंचायत या तहसील से हासिल की जा सकती है.