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राज्य सरकार ने बुधवार को 18 से 44 साल की उम्र समूह के लोगों के टीकाकरण अभियान को अस्थाई तौर पर रोकने का फैसला किया है.
महाराष्ट्र में कोविड-19 वैक्सीन की भारी किल्लत की वजह से, राज्य सरकार ने बुधवार को 18 से 44 साल की उम्र समूह के लोगों के टीकाकरण अभियान को अस्थाई तौर पर रोकने का फैसला किया है. स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि डोज के उपलब्ध स्टॉक को 45 साल से ज्यादा आयु वाले लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. यह फैसला राज्य कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया.
मंत्री ने खुलासा किया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने महाराष्ट्र सरकार को जानकारी दी है कि वह राज्य को केवल 20 मई के बाद ही डेढ़ करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन उपलब्ध करा सकेगा. टोपे ने कहा कि केंद्र द्वारा 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए वैक्सीन की पर्याप्त सप्लाई नहीं है. इसलिए राज्य की कैबिनेट ने 18 से 44 साल के लोगों के लिए खरीदे गए स्टॉक को 45 साल से ज्यादा आयु वर्ग के लोगों के लिए इस्तेमाल करने का फैसला किया है. टोपे ने कहा कि इसलिए वे 18 से 44 साल के लोगों के लिए कुछ समय के लिए टीकाकरण को रोक रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि जहां कोविशील्ड वैक्सीन को पुणे में आधारित SII ने मैन्युफैक्चर किया है, कोवैक्सीन का उत्पादन भारत बायोटेक ने किया है. उन्होंने बताया कि सीरम के अदार पूनावाला ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जानकारी दी कि वे 20 मई के बाद कोविशील्ड के करीब डेढ़ करोड़ शीशी को उपलब्ध करा सकेंगे. एक बार सप्लाई मिलने के बाद, वे 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण को दोबारा शुरू कर सकेंगे.
टोपे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों को पर्याप्त संख्या में वैक्सीन डोज उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर रही है.