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Vande Bharat Metro: मुंबई में जल्द दौड़ेंगी 238 वंदे भारत मेट्रो, 44,637 करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए मंगाए गए इंटरनेशनल टेंडर

Vande Bharat Metro: वंदे भारत मेट्रो के 2,856 कोच खरीदने के लिए इंटरनेशनल टेंडर जारी कर दिया गया है.

Vande Bharat Metro: वंदे भारत मेट्रो के 2,856 कोच खरीदने के लिए इंटरनेशनल टेंडर जारी कर दिया गया है.

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FE Hindi Desk
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Vande Bharat Metro: मुंबई रेलवे विकास निगम (MRVC) लोकलं ट्रेन को वंदे भारत मेट्रो से बदलने जा रहा है.(representative Image)

Vande Bharat Metro: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में लोकल ट्रेन को शहर की लाइफलाइन कहा जाता है. सरकार इसे अपग्रेड करने की तैयारी कर रही है. मुंबई रेलवे विकास निगम (MRVC) ने मुंबई में वंदे भारत मेट्रो चलाने की बड़ी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है. इसके लिए सरकारी स्तर पर तैयारियां तेजी से चल रही हैं. MRVC ने वंदे भारत मेट्रो के 2,856 कोच खरीदने के लिए इंटरनेशनल टेंडर मंगाए हैं. यह जानकारी मुंबई रेलवे विकास निगम के अधिकारियों ने दी है.

44,637 करोड़ रुपये किये जाएंगे खर्च 

MRVC के अधिकारियों का कहना है ये पूरी परियोजना मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (MUTP) का हिस्सा है. इस प्रोजेक्ट के फेस-3 पर 10,947 करोड़ रुपये और फेस-3A पर 33,690 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं. इस तरह कुल मिलाकर 44,637 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. MRVC वंदे भारत मेट्रो के लिए 2,856 डिब्बे खरीदेगा, जिनसे 12 डिब्बों वाली 238 वंदे भारत मेट्रो चलाई जाएंगी. अधिकारी ने टेंडर के दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि सफल बोली लगाने वाले को वंदे भारत मेट्रो रेक की खरीद और आजीवन रख-रखाव के साथ-साथ वंदे मेट्रो के लिए नये डिपो भी स्थापित करने होंगें.

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कितने समय में पूरा होगा यह प्रोजेक्ट?

रेलवे बोर्ड द्वारा मई 2023 में मुंबई के सब-अर्बन रेलवे नेटवर्क के लिए 238 वंदे मेट्रो रेक की खरीद के लिए मंजूरी दी गई थी. हालांकि इसके एक महीने बाद MRVC ने टेंडर जारी किया है. अधिकारी ने कहा कि MRVC की वेबसाइट पर अपलोड किए गए टेंडर के डॉक्यूमेंट के मुताबिक, सफल बोली लगाने वाले को पालघर जिले के वनगांव और रायगढ़ जिले के भिवपुरी में नये कार शेड की स्थापना करनी होगी. इसके आलावा उन्हें 7 साल के भीतर एयर कंडीशंड वंदे मेट्रो रेक की आपूर्ति करनी होगी. अधिकारी ने कहा कि वंदे मेट्रो ट्रेन के निर्माण के लिए दो साल का समय देने पर विचार किया गया है, जिसके बाद हर पांच साल में औसतन 50 ट्रेनों की आपूर्ति करनी होगी. इसके साथ ही बोली लगाने वाले को 35 साल तक ट्रेन और मेंटनेंस डिपो की देखभाल करनी होगी. 

Railways Mumbai Railway Ministry