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अगर आपकी गाड़ी पर फास्टैग (FASTag) लगा है लेकिन यह काम नहीं कर रहा है या फिर अमान्य है तो आपको नेशनल हाइवेज पर दोगुना टोल भरना पड़ सकता है. इसके लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल हाइवेज फी (डिटरमिनेशन ऑफ रेट्स एंड कलेक्शन) रूल्स, 2008 में संशोधन को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर आप बिना फास्टैग लगे व्हीकल के साथ टोल प्लाजा पर फास्टैग लेन में घुस जाते हैं, तब तो आपको व्हीकल कैटेगरी के मुताबिक दोगुना टोल देना होगा.
लेकिन साथ ही अगर आपके व्हीकल पर फास्टैग लगा है लेकिन वह काम नहीं कर रहा है या अमान्य है, ऐसी स्थिति में भी आपको दोगुना टोल भरना होगा. इस संशोधन से पहले केवल बिना फास्टैग लगी गाड़ी के साथ टोल प्लाजा की फास्टैग लेन में घुसने पर ही दोगुना टोल देना होता था. फास्टैग होने पर भी दोगुना टोल न लगे, इसके लिए जरूरी है कि फास्टैग में पर्याप्त रिचार्ज रहे और यह मुड़ा हुआ या डैमेज न हो, ताकि यह ठीक से काम कर सके.
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Vehicles with invalid or non-functional #FASTag to be charged double toll Fee applicable to their category: @MORTHIndia
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 17, 2020
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ई-पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए है फास्टैग
नेशनल हाइवेज पर स्थित टोल प्लाजा पर व्हीकल की लंबी लाइन से छुटकारे के लिए सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक टोल भुगतान प्रणाली को बीते 15 दिसंबर 2019 से लागू किया था. बाद में इसमें 28 फरवरी 2020 तक की मोहलत दी गई थी. इसे लागू करने का एक कारण ईपेमेंट को बढ़ावा देना भी है. सरकार ने देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग प्रणाली से टोल वसूलने का फैसला तो किया है, लेकिन साथ ही सभी प्लाजा पर एक हाइब्रिड लेन भी रखी गई है. बिना फास्टैग वाले वाहन केवल इसी लेन का उपयोग कर सकते हैं.
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फास्टैग कैसे करता है काम
फास्टैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान टैग है, जो गाड़ियों के आगे के शीशे पर लगा होता है. जब फास्टैग की मौजूदगी वाला व्हीकल टोल प्लाजा से गुजरता है तो टोल टैक्स फास्टैग से जुड़े प्रीपेड या बचत खाते से स्वत: कट जाता है. इस लेन-देन के लिए गाड़ियों को रुकने की जरूरत नहीं होती. व्हीकल ओनर को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ट्रांजेक्शन की सूचना मिल जाती है. इससे समय की बचत होती है और व्हीकल बेरोकटोक गंतव्य की ओर जा सकते हैं.