/financial-express-hindi/media/post_banners/bDDJxgb5KUAhbAGm3gz2.jpg)
सीबीआई ने वीडियोकॉन ग्रुप के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है (File Photo : Indian Express)
Videocon chairman Venugopal Dhoot Arrested : वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमुख वेणुगोपाल धूत को आज सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार कर लिया. धूत को आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) से जुड़े मनी लॉन्डरिंग और लोन फ्रॉड केस में गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई पिछले हफ्ते से इसी मामले में ICICI बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को भी गिफ्तार कर चुकी है, जिन्हें अदालत ने तीन दिन के लिए सीबीआई की रिमांड में सौंपा था, जो आज यानी 26 दिसंबर को खत्म हो रही है.
ICICI बैंक से जुड़े लोन फ्रॉड केस में गिफ्तारी
वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) को सीबीआई ने आज यानी सोमवार 26 दिसंबर को मुंबई से गिरफ्तार किया. अब से कुछ दिन पहले सीबीआई ने उनसे ICICI बैंक से जुड़े लोन फ्रॉड और मनी लॉन्डरिंग के मामले में पूछताछ भी की थी. सीबीआई का आरोप है कि ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर ने वेणुगोपाल धूत के वीडियोकॉन ग्रुप को गलत ढंग से बैंक से लोन दिलाने में मदद की थी. आरोप है कि इसके एवज में धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स लिमिडेट (NRL) को कारोबारी डील्स के जरिए फायदा पहुंचाया.
Also Read : चंदा कोचर की गिरफ्तारी : कॉरपोरेट की बुलंदी से जेल की सलाखों का सफर
3,250 करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर करने में धांधली का आरोप
सीबीआई का आरोप है कि चंदा कोचर के कार्यकाल के दौरान ICICI बैंक ने वेणुगोपाल धूत के वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की कर्ज नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किए गए. एफआईआर के मुताबिक इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL) के माध्यम से न्यूपावर रिन्यूएबल्स (NRL) में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनाकल एनर्जी ट्रस्ट को SEPL का मालिकाना हक ट्रांसफर कर दिया. इस दौरान पिनाकल एनर्जी ट्रस्ट और NRL का मैनेजमेंट दीपक कोचर के ही पास था.
वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में धांधली का आरोप
सीबीआई ने सबसे पहले दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के खिलाफ मार्च 2018 में आरंभिक जांच (Preliminary Enquiry - PE) दर्ज की थी. यह आरंभिक जांच वीडियोकॉन ग्रुप को लेंडर के एक समूह (consortium) द्वारा 40 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिए जाने के मामले में दर्ज की गई थी. सीबीआई भ्रष्टाचार के कई मामलों में एफआईआर दर्ज करने से पहले अपनी जांच शुरू करने के लिए पीई रजिस्टर करती है. अपनी आरंभिक जांच में सीबीआई ने पाया कि जून 2009 से अक्टूबर 2011 के दौरान वीडियोकॉन ग्रुप और उससे जुड़ी कंपनियों को कुल 1875 करोड़ रुपये के 6 लोन मंजूर किए जाने में ICICI बैंक की निर्धारित नीतियों का उल्लंघन किया गया था.
Also Read : Stock Tips: इन 3 शेयरों को बेचने में है भलाई, 1 महीने में 14% तक आ सकती है गिरावट
एजेंसी के मुताबिक इन कर्जों को 2012 में नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) घोषित कर दिया गया, जिससे बैंक को 1730 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. सीबीआई अपनी जांच के आधार पर चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत के अलावा उनकी कंपनियों -न्यूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिडेट और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है. पिछले शुक्रवार को ही एजेंसी इस मामले में पूछताछ के बाद चंदा कोचर और उनके पति को गिरफ्तार भी किया है.
(Input : ANI, PTI)