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ED arrests 4 Vivo executives: ईडी ने मोबाइल कंपनी वीवो से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. (File Photo/Twitter)
ED Arrests 4 persons in Vivo PMLA case including MD of Lava International: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो से जुड़े 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इन लोगों को वीवो के खिलाफ प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) के तहज जारी जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए चार लोगों में लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) के अलावा एक चीनी नागरिक, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और एक अन्य आरोपी शामिल हैं. समाचार एजेंसियों ने यह जानकारी मंगलवार को सूत्रों के हवाले से दी है. सूत्रों के मुताबिक ईडी इन चारों को दिल्ली की अदालत में पेश करके उन्हें आगे की पूछताछ के लिए कस्टडी में लेने की कोशिश करेगी.
वीवो पर जुलाई 2022 में हुई थी छापे की कार्रवाई
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आरोपों के सिलसिले में वीवो के दफ्तरों और उससे जुड़े लोगों पर जुलाई 2022 में छापा मारा था. उस वक्त ईडी ने एक बड़े मनी लॉन्डरिंग रैकेट का खुलासा करने का दावा किया था, जिसमें कई चीनी नागरिकों के अलावा कुछ भारतीय कंपनियों के भी शामिल होने की बात कही गई थी. सूत्रों का कहना है कि ताजा गिरफ्तारी 2022 के उसी केस के सिलसिले में की गई है. इन गिरफ्तारियों से चीनी स्मार्टफोन कंपनी के लिए भारत में कानूनी परेशानियां और बढ़ जाएंगी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक उन्होंने इस बारे में प्रतिक्रिया जानने के लिए वीवो और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से ईमेल और टेलिफोन के जरिए संपर्क किया, लेकिन यह खबर लिखे जाने तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला था. ईडी ने उस वक्त आरोप लगाया था कि वीवो ने भारत में टैक्स के के भुगतान से बचने के लिए 62,476 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि ‘गैरकानूनी’ तरीके से चीन भेजी थी.
पहले भी निशाने पर रही है चीनी कंपनी
चीनी कंपनी वीवो पिछले कुछ अरसे के दौरान कई बार भारतीय जांच एजेंसियों के निशाने पर रही है. मिसाल के तौर पर इसी महीने की शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने समाचार पोर्टल न्यूज़ क्लिक और उससे जुड़े पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई करते समय आरोप लगाया था कि वीवो ने उन्हें अवैध रूप से पैसे ट्रांसफर करने में मदद की थी. इससे पहले अगस्त 2022 में भारतीय खुफिया एजेंसी डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने वीवो को कारण बताओ नोटिस किया था, जिसमें उस पर करीब 2210 करोड़ रुपये का टैक्स चोरी करने का आरोप लगाया गया था. उससे एक महीने पहले जुलाई 2022 में भारतीय एजेंसी ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत वीवो के भारतीय कारोबार और उसके सहयोगियों से जुड़े 119 बैंक खातों को ब्लॉक कर दिया था, जिनमें 465 करोड़ रुपये की रकम जमा थी. हालांकि बाद में इस पाबंदी को हटा लिया गया था.
(इनपुट : रॉयटर्स, पीटीआई)