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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पंचायती राज दिवस (Panchayati Raj Diwas) के मौके पर शुक्रवार को 'स्वामित्व स्कीम' लॉन्च की. इस स्कीम के तहत देश के सभी गांवों में ड्रोन के माध्यम से गांव की हर संपत्ति की मैपिंग की जाएगी. इसके बाद गांव के लोगों को उस संपत्ति का मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा. इसके साथ ही पीएम मोदी ने गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च किया. कोरोना संकट के इस दौर में प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर में सरपंचों के साथ बातचीत भी की. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट से हमने अनुभव पाया है कि अब हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा. बिना आत्मनिर्भर बने ऐसे संकटों से निपटना मुश्किल है.
क्या है स्वामित्व स्कीम?
'स्वामित्व स्कीम' लॉन्च करने के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, गांवों में आवासीय संपत्ति को लेकर जो स्थिति रहती है वो आप जानते हैं. 'स्वामित्व योजना' इसी को ठीक करने का प्रयास है. इसके तहत देश के सभी गांवों में ड्रोन के माध्यम से गांव की हर संपत्ति की मैपिंग की जाएगी. इसके बाद गांव के लोगों को उस संपत्ति का मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा. स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को एक नहीं अनेक लाभ होंगे.
इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे. इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी. इससे शहरों की तरह गांवों में भी आप बैंकों से लॉन ले सकेंगे. जब आपके पास स्वामित्व होगा तो उस संपत्ति के आधार पर आप बैंक से लोन ले सकते हैं. अभी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में इस योजना को प्रारंभिक तौर पर शुरू कर रहे हैं.
पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देशभर में ड्रोन के जरिए यह कार्य कराया जाएगा. गांव की खेती की जमीन का रिकॉर्ड खसरा—खतौनी में तो होता है. लेकिन, गांवों की आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक के आधार पर कोई रिकॉर्ड नहीं है. इस स्कीम के जरिए यह हर आवासीय संपत्ति की पैमाइश कर मालिकाना हक सुनिश्चित किया जाएगा.
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स्वामित्व स्कीम? क्या है लाभ
'स्वामित्व स्कीम' में आवासीय भूमि की पैमाइश ड्रोन तकनीक से की जाएगी. पंचायती राज मंत्रालय राज्यों के पंचायती राज तथा राजस्व विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग शामिल होंगे. ड्रोन से गांव की सीमा में आने वाली प्रत्येक संपत्ति का ड्रोन से डिजिटल रूप में नक्शा बनाया जाएगा. साथ ही प्रत्येक राजस्व खंड की सीमाओं का निर्धारण किया जाएगा.
पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार, सटीक मापन के आधार पर गांव की प्रत्येक घर का संपत्ति कार्ड राज्य सरकारों की ओर से बनाया जाएगा. इस तरह, संपत्ति के मालिक को आसानी से संपत्ति का मालिकाना हम प्राप्त हो सकेगा. इससे ग्रामीण अपनी संपत्ति का वित्तीय उपयोग जैसेकि कर्ज लेने में सक्षम होंगे और गांवों के आवासीय क्षेत्र का क रिकॉर्ड पंचायतों को प्रदान कर सकेंगे. इससे संपत्तियों का कर के दायरे में आना और पंचायतों का आसानी से कर संग्रह संभव हो पाएगा. इस आमदनी से पंचायतें ग्रामीण नागरिकों को बेहतर सुविधा दे पाएंगी.
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च
पंचायती राज दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने एक यूनीफाइड ई-ग्रामस्वराज पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया. पोर्टल पंचायत राज मंत्रालय एक इनीशिएटिव है. जिसके जरिए ग्राम पंचायतों को अपने ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) तैयार करने और लागू करने के एक सिंगल प्लेटफॉर्म उपलबध होगा.
वहीं, मोबाइल ऐप के जरिए ग्राम पंचायतों के फंड, उसके कामकाज की पूरी जानकारी ली जा सकेगी. इसके माध्यम से पार्दशिता भी आएगी और परियोजनाओं के काम में भी तेजी आएगी. पीएम मोदी ने कहा कि इस कोरोना संकट ने दिखा दिया है कि देश के गांवों में रहने वाले लोगों ने इस दौरान अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं. गांवों से जो अपडेट्स आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है.