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Special Session of Parliament: मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है. ऐसी अटकलें हैं कि यह विशेष सत्र नए संसद भवन में बुलाया जा सकता है. (File Photo: PTI)
Government calls special session of Parliament, keeps agenda under wraps: मोदी सरकार ने संसद का स्पेशल सेशन यानी विशेष सत्र बुलाने का एलान किया है. यह विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक बुलाया गया है. यह महत्वपूर्ण एलान संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ (Twitter) पर किया. संसद का विशेष सत्र बुलाने की वजह क्या है या इस सेशन का एजेंडा क्या होगा, इसके बारे में आधिकारिक तौर पर अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है. लिहाजा, इस बारे में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त को ही खत्म हुआ है. यानी विशेष सत्र मानसून सत्र खत्म होने के करीब एक महीने बाद शुरू होगा. आमतौर पर देश में संसद के तीन ही सत्र होते हैं - बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र. लेकिन विशेष हालात में संसद का स्पेशल सेशन बुलाए जाने का प्रावधान भी है.
नए संसद भवन में होगा संसद का विशेष सत्र?
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ‘X’ पर लिखे अपने पोस्ट में कहा, ‘‘संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर को बुलाया गया है.’’ जोशी ने बताया कि संसद के इस विशेष सत्र में 5 बैठकें होंगी. उन्होंने कहा है कि ‘‘अमृत काल के समय में होने वाले इस संसद सत्र में सार्थक चर्चा और बहस होने की उम्मीद है.’’ अपनी पोस्ट के साथ जोशी ने पुराने संसद भवन के साथ ही नई इमारत की तस्वीर भी शेयर की है. संसद के विशेष सत्र से पहले 9 और 10 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जी-20 देशों का शिखर सम्मेलन हो रहा है.
Special Session of Parliament (13th Session of 17th Lok Sabha and 261st Session of Rajya Sabha) is being called from 18th to 22nd September having 5 sittings. Amid Amrit Kaal looking forward to have fruitful discussions and debate in Parliament. pic.twitter.com/b3PIRngpOs
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) August 31, 2023
संसद के नए सत्र को लेकर क्या हैं अटकलें?
सरकार ने भले ही अचानक बुलाए गए संसद के इस विशेष सत्र का एजेंडा साफ नहीं किया है, लेकिन ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार कोई अहम विधेयक पेश कर सकती है. इसके अलावा विशेष सत्र में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता की चर्चा भी होने के आसार हैं. सोशल मीडिया पर लोग इस सत्र के दौरान यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता से जुड़ा कोई विधेयक पेश किए जाने के कयास भी लगा रहे हैं.
क्या जल्द कराए जा सकते हैं लोकसभा चुनाव?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक कई विपक्षी नेताओं को लग रहा है कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव जल्दी कराने का दांव भी चल सकती है. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं. लिहाजा कुछ विपक्षी नेताओं को लग रहा है कि बीजेपी अपने 'एक देश, एक चुनाव' (One Nation, One Election) के आइडिया के तहत लोकसभा चुनाव जल्दी कराने की सोच सकती है. सामान्य कार्यक्रम के मुताबिक देश में अगले लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2024 के दौरान होने हैं.
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समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान उस नये संसद भवन में संसदीय कामकाज की शुरुआत की जा सकती है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई को किया था. खबर है कि नए संसद भवन से जुड़े कामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है ताकि यह सत्र की मेजबानी के लिए तैयार हो सके.
क्या कह रहा है विपक्ष?
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने संसद का विशेष सत्र अचानक बुलाने के फैसले के बाद आरोप लगाया कि कारोबारी अडाणी समूह के खिलाफ नये खुलासे होने और मुंबई में जारी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक के चलते विशेष सत्र की घोषणा की गई है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस विशेष सत्र के दौरान भी अडाणी समूह के मामले में जेपीसी जांच की मांग सदन के भीतर और बाहर जारी रहेगी. उन्होंने सवाल किया कि जब मानसून सत्र तीन सप्ताह पहले ही समाप्त हुआ है तो ऐसे में संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है? शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ‘‘गणेश चतुर्थी के महत्वपूर्ण त्योहार के दौरान संसद का विशेष सत्र बुलाना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हिन्दुओं की भावना के खिलाफ है. इसकी तारीखों का चुनाव हैरान करने वाला है.’’ यह भी संयोग है कि संसद का विशेष सत्र ऐसी तारीखों में बुलाया गया है जब एक दिन पहले ही यानि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन होगा.
पहले कब-कब बुलाए गए हैं संसद के विशेष सत्र
इससे पहले संसद का विशेष सत्र जीएसटी के लागू होने के मौके पर 30 जून 2017 की आधी रात को बुलाया गया था, जो लोकसभा और राज्यसभा का संयुक्त सत्र था. उससे पहले अगस्त 1997 में भारत की आजादी की 50वीं सालगिरह के मौके पर 6 दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था. ‘भारत छोड़ो आंदोलन की 50वीं सालगिरह पर 9 अगस्त 1992 को भी आधी रात को विशेष सत्र आयोजित किया गया था. भारत की आजादी के रजत जयंती वर्ष पर 14-15 अगस्त 1972 को और भारत की आजादी की पूर्व संध्या पर 14-15 अगस्त 1947 को पहला ऐसा विशेष सत्र आधी रात को आयोजित किया गया था.