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She contended that many of the women who have not been selected for permanent commission are decorated officers and the government is not even filing the reply to their petitions.
Loan Moratorium: ब्याज पर ब्याज से माफी पर अब अगली सुनवाई 18 नवंबर तक टल गई है. अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट अलग-अलग उद्योगों की मांग पर सुनवाई करेगा. इन उद्योगों का कहना है कि उनके लोन को भी रीस्ट्रक्चर किया जाना चाहिए. वहीं, लोन मोरेटोरियम पर सुनवाई के दौरान आज भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट से उस अंतरिम आदेश को हटाने का आग्रह किया, जिसमें कहा गया है कि इस साल 31 अगस्त तक जिन खातों को एनपीए घोषित नहीं किया है, उन्हें अगले आदेश तक एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा. फिलहाल जिन लोगों ने मोरेटोरियम के दौरान समय से ईएमआई पे किया था, उनके खाते में आज से कैश बैक भी आने हैं.
आरबीआई ने क्या कहा
आरबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वी गिरी ने अंतरिम आदेश को वापस लेने का अनुरोध करते हुए कहा कि हमें एनपीए पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के कारण कठिनाई हो रही है. बता दें कि कोविड-19 महामारी के चलते कठिनाइयों का सामना कर रहे कर्जदारों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 3 सितंबर को अंतरिम आदेश पारित किया था. महामारी के चलते लाई गई लोन मोरेटोरियम योजना के तहत कर्जदारों ने इन ईएमआई का भुगतान नहीं किया था.
आरबीआई और वित्त मंत्रालय पहले ही अलग-अलग हलफनामे में कोर्ट से कह चुके हैं कि बैंक, वित्तीय और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान किस्त स्थगन योजना के तहत पात्र कर्जदारों के खातों में उनसे लिए गए कंपाउंडिंग इंटरेस्ट और सिंपल इंटरेस्ट के बीच के अंतर को 5 नवंबर तक जमा करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे.
2 करोड़ तक का लोन लेने वालों को फायदा
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि 2 करोड़ तक के लोन पर मोरेटोरियम लेने वालों से ब्याज पर ब्याज नहीं लिया जाएगा. जिन लोगों से ज्यादा ब्याज लिया गया है, उनके पैसे लौटाए जा रहे हैं. वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने केंद्र सरकार और RBI के जवाब पर संतोष जताते हुए सुप्रीम कोर्ट को अब इस मसले पर सुनवाई बंद करने का आग्रह किया. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार और RBI को धन्यवाद दिया.
कोर्ट ने 2 नवंबर तक का दिया था वक्त
इसके पहले 14 अक्टूबर को हुई सुनवाई में SC ने सरकार से कहा कि ब्याज पर ब्याज माफी स्कीम को जल्द से जल्द लागू करना चाहिए. इस दौरान केंद्र ने सर्कुलर जारी करने के लिए 15 नवंबर तक का वक्त मांगा था. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार 15 नवंबर तक इससे जुड़ा सर्कुलर जारी कर देगी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 2 नवंबर तक सर्कुलर जारी करने का आदेश दिया था.
कैशबैक मिलना शुरू!
कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन पीरियड यानी 1 मार्च से 31 अगस्त के बीच जिन लोगों ने अपना EMI मिस नहीं किया और लोन मेरेटोरियम स्कीम का फायदा नहीं उठाया, वैसे लोगों के अकाउंट में बैंकों ने कैशबैक की रकम ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है. साथ ही जिन लोगों ने लोन मेरेटोरियम का फायदा उठाया, बैंकों ने बुधवार को लोन मोरेटोरियम पीरियड के दौरान टाली गई किस्तों पर वसूले गए ब्याज पर ब्याज की रकम को भी कर्जदारों के बैंक अकाउंट में डालना शुरू कर दिया हैं.
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