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WPI: दिसंबर में थोक महंगाई दर बढ़कर 2.59% पर, प्याज और सब्जियों की कीमतों में तगड़ा उछाल

WPI: थोक महंगाई भड़कने की प्रमुख वजह सब्जियों खासकर प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी रही. 

WPI: थोक महंगाई भड़कने की प्रमुख वजह सब्जियों खासकर प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी रही. 

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wholesale inflation rises to 2.59 percent in December 2019 Onion and vegetable prices fulled WPI inflation

थोक महंगाई भड़कने की प्रमुख वजह सब्जियों खासकर प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी रही. (Reuters)

wholesale inflation rises to 2.59 percent in December 2019 Onion and vegetable prices fulled WPI inflation थोक महंगाई भड़कने की प्रमुख वजह सब्जियों खासकर प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी रही. (Reuters)

WPI in December 2019: थोक महंगाई के मोर्चे पर सरकार को झटका लगा है. प्याज और सब्जियों की बेकाबू महंगाई के चलते दिसंबर 2019 में थोक महंगाई दर (WPI) बढ़कर 2.59 फीसदी पर पहुंच गई. इससे पहले नवंबर में थोक महंगाई का आंकड़ा 0.58 फीसदी और दिसंबर 2018 में 3.46 फीसदी दर्ज किया गया था. थोक महंगाई में आए उछाल की सबसे बड़ी वजह प्याज की महंगाई में करीब 455 फीसदी और सब्जियों में करीब 70 फीसदी की जबरदस्त तेजी रही. खाने-पीने के चीजों यानी खाद्य महंगाई दर की बात करें तो यह दिसंबर में 13.24 फीसदी हो गई, जो नवंबर में 11.08 फीसदी थी. दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई भी पांच साल के टॉप 7.35 फीसदी पर पहुंच गई.

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कॉमर्स मिनिस्ट्री की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल दिसंबर में थोक महंगाई भड़कने की प्रमुख वजह सब्जियों खासकर प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी रही.  दिसंबर 2019 में सब्जियों की महंगाई दर बढ़कर 69.69 फीसदी हो गई, जो नवंबर में 45.32 फीसदी पर रही थी. वहीं प्याज की थोक महंगाई की बात करें तो यह पिछले महीने 455.83 फीसदी दर्ज की गई, जो कि इससे एक महीने पहले यानी नवंबर में 172.20 फीसदी था.

फलों की महंगाई घटी, दूध की बढ़ी

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2019 में फलों की महंगाई गिरकर 3.51 फीसदी पर आ गई, जो नवंबर में 4.32 फीसदी थी. हालांकि, दूध की थोक महंगाई दर बढ़कर 2.64 फीसदी हो गई, जो नवंबर 2019 में 1.60 फीसदी दर्ज की गई थी.

नॉन फूड आर्टिकल्स की थोक महंगाई दर भी पिछले महीने बढ़कर 7.72 फीसदी हो गई, जो नवंबर 2019 में 1.93 फीसदी रही थी. प्राइमरी आर्टिकल में नॉन फूड वस्तुओं की हिस्सेदारी करीब 4.11 फीसदी है.

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फ्यूल एंड पावर और मैन्युफैक्चरिंग निगेटिव जोन में

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई बढ़ी लेकिन अभी भी यह शून्य से नीचे 1.46 फीसदी पर है, जो नवंबर 2019 में -7.32 फीसदी रही थी. दूसरी ओर, मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की महंगाई भी निगेटिव जोन में बनी हुई है. दिसंबर 2019 में यह -0.25 फीसदी रही, जो कि नंवबर में -0.84 फीसदी रही थी.

खुदरा महंगाई 5 साल के टॉप पर

दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई बढ़कर 7.35 फीसदी पर जा पहुंची. यह इसका पांच साल में अधिक सबसे ऊंचा स्तर है और भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक है. इससे पहले यह जुलाई 2014 में 7.39 फीसदी के स्तर पर गई थी. दिसंबर 2018 में खुदरा महंगाई 2.11 फीसदी के स्तर पर थी. नवंबर 2019 में यह 5.54 फीसदी के स्तर पर थी.

दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति बढ़कर 14.12 फीसदी पर पहुंच गई. दिसंबर 2018 में यह शून्य से 2.65 फीसदी नीचे थी. नवंबर 2019 में यह 10.01 फीसदी पर थी. सब्जियों की महंगाई दिसंबर 2019 में 60.5 फीसदी के स्तर पर जा पहुंची. नवंबर में यह 36 फीसदी पर थी.

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