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Hindenburg Research : हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर ‘‘कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करने’’ का आरोप लगाया गया था. (FB)
Why Hindenburg Target Gautam Adani : अमेरिकी रिसर्च एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नैट एंडरसन ने कहा कि वह अपनी कंपनी का कारोबार किसी कानूनी या अन्य खतरे के कारण नहीं समेट रहे हैं और वह उनके द्वारा जारी की गई सभी रिपोर्ट पर अब भी कायम हैं. एंडरसन ने न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में बताया कि हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट जिसमें अडानी ग्रुप पर ‘‘ कॉर्पोरेट इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी’’ का आरोप लगाया गया था, वह मीडिया में ग्रुप के खिलाफ आई खबरों का रिजल्ट थी. उद्योगपति गौतम अडानी और उनके ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट जारी करने के बाद यह कंपनी चर्चा में आ गई थी. हालांकि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया है.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, खासकर अडानी ग्रुप के खिलाफ जारी रिपोर्ट पर अडिग हैं. एंडरसन ने कहा कि हम अपने सभी रिसर्च के साथ पूरी तरह खड़े हैं. हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अडानी ग्रुप पर ‘‘कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करने’’ का आरोप लगाया गया था. ग्रुप पर शेयरों के भाव में हेराफेरी तथा वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया था. इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी ग्रुप कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 150 अरब अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई थी. अडानी ग्रुप ने हालांकि इन सभी आरोपों का खंडन किया था.
पहली बार कब चर्चा में आए थे एंडरसन
एंडरसन पहली बार इलेक्ट्रिक ट्रक कंपनी निकोला के खिलाफ एक रिपोर्ट के कारण चर्चा में आए थे. उन्होंने कार्ल इकान की इकान एंटरप्राइजेज एल.पी. सहित प्रमुख वित्तीय हस्तियों की कंपनियों पर भी हमला बोला था. एंडरसन ने कुछ लोगों द्वारा हिंडनबर्ग को ओसीसीआरपी और जॉर्ज सोरोस जैसे कथित भारत विरोधी समूह के साथ जोड़ने के प्रयासों को ‘‘मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र’’ करार दिया और कहा कि उनके संस्थान ने कभी भी इन पर टिप्पणी नहीं की. क्योंकि वह ऐसे ‘‘मूर्खतापूर्ण षड्यंत्र के सिद्धांतों’’ को बढ़ावा न देने की नीति का पालन करता है. एंडरसन ने कई कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए कई विस्तृत रिपोर्ट पेश की हैं. हालांकि उन्होंने पिछले महीने अपनी इस कंपनी का कारोबार समेटने की घोषणा की थी.
कारोबार समेटने पर क्या कहा
हिंडनबर्ग का कारोबार समेटने का निर्णय लेने के बजाय कंपनी की बागडोर किसी और को सौंपने के विकल्प का चुनाव नहीं करने के बारे पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे ब्रांड से अलग करने का कोई तरीका नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग मूल रूप से मेरा पर्याय है. अगर यह कोई सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन या साइकिल कारखाना होता तो आप एप्लीकेशन या कारखाना बेच सकते थे. लेकिन, जब यह मेरे द्वारा किया गया रिसर्च है, तो आप वास्तव में इसे किसी और को नहीं दे सकते. हालांकि अगर यह टीम कोई नया ब्रांड पेश करना चाहती है, तो मैं खुशी-खुशी उनका समर्थन करूंगा.
भारत में राजनीतिक तूफान
अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आधारित वादियों की याचिका को खारिज कर दिया था और समय के साथ अडानी ग्रुप ने मजबूत परिचालन प्रदर्शन तथा शेयरों में हुए नुकसान की भरपाई के साथ खोई हुई जमीन वापस पा ली. हिंडनबर्ग ने सेबी की चेयरपर्सन प्रमुख माधबी पुरी बुच पर भी हितों के टकराव का आरोप लगाया था, जिससे अडानी ग्रुप में हेरफेर और धोखाधड़ी के दावों की गहन जांच नहीं हो सकी. बुच ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि ये निवेश उनके नियामक का प्रमुख बनने से पहले किए गए थे और उन्होंने खुलासे के लिए सभी आवश्यक नियमों का पालन किया था.
भारत की क्षमता पर भरोसा
कुछ लोगों के हिंडनबर्ग रिपोर्ट को भारत और इसकी ग्रोथ के विरुद्ध देखे जाने पर एंडरसन ने कहा कि हमने हमेशा भारत की क्षमता पर भरोसा किया है और बाजार पारदर्शिता व मजबूत कॉर्पोरेट गवर्नेंस को ऐसे प्रमुख फैक्टर के रूप में देखा है जो भारत की ग्रोथ सटोरी को गति दे सकते हैं. हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कोई बात नहीं कही. यह पूछे जाने पर कि अडानी ग्रुप को रिसर्च के लिए क्यों चुना गया, तो उन्होंने कहा कि शुरू में हमने मीडिया में ऐसी रिपार्ट देखे, जिनमें खतरे के संकेत दिए गए थे, फिर हमने बारीकी से इस पर गौर किया और सबूतों को फॉलो करते रहे.