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हाल के दिनों में प्याज के दाम कई जगहों पर 150 रुपये प्रति किलो के पार भी दर्ज किए गए.
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देश के कमोबेश हर हिस्से में प्याज की कीमतें आंसू निकाल रही हैं. हाल के दिनों में प्याज के दाम कई जगहों पर 150 रुपये प्रति किलो के पार भी दर्ज किए गए. इस बीच, देश के कृषि मंत्री ने यह जानकारी दी है कि प्याज की कीमतों में तेजी के पीछे वजह क्या है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को लोकसभा में 'फसल नुकसान और किसानों पर इसका असर' के मुद्दे पर चर्चा के दौरान बताया कि 15.8 लाख टन से अधिक उत्पादन में कमी के चलते प्याज की कीमतें आसमान पर पहुंच गई. उन्होंने बताया कि सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं.
निश्चित रूप से प्याज की कमी है: तोमर
तोमर ने बताया कि इस सीजन में 30 नवंबर तक राज्यों ने करीब 69.9 लाख टन प्याज के उत्पादन का अनुमान दिया था. जबकि वास्तविक उत्पादन 53.67 लाख टन रहने का अनुमान है. इस तरह, निश्चित रूप से प्याज की कमी है. कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी की समस्या के पीछे यही वजह है. और यह स्वाभाविक है.
कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार कई कदम उठा रही है, जिससे कि प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाया जा सके. इनमें निर्यात पर प्रतिबंध और आयात को मंजूरी देने जैसा निर्णय भी शामिल है. सरकार इस मामले को गंभीरता से देख रही है और उसने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस बारे में पत्र भी लिखा है.
जनवरी से भाव में नरमी की उम्मीद
बता दें, प्याज की कीमतों में सितंबर से तेजी आनी शुरू हुई. 25 नवंबर से प्याज के भाव औसतन 100 रुपये किलो से ऊपर बने हुए हैं. पणजी में प्याज के भाव 165 रुपये प्रति किलो तक दर्ज किए गए.
सरकार का आकलन है कि जनवरी से प्याज की कीमतों में नरमी आ सकती है. दरअसल, सरकार ने रिटेल और थोक व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा निश्चित कर दी है. रिटेल कारोबारी 2 टन से अधिक प्याज का भंडारण नहीं कर सकते हैं. बाजार के जानकार मानते हैं कि जनवरी के पहले सप्ताह तक प्याज के भाव ऊंचे रह सकते हैं. उस समय से नई फसल की आवक होने लगेगी. इसके बाद कीमतें नरम हो सकती हैं.
Input: PTI