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खाने-पीने की वस्तुओं के दाम में नरमी के बावजूद क्यों बढ़ी महंगाई? जनवरी में WPI बढ़कर 2.03% पर

WPI Inflation in January 2021: इस बार महंगाई बढ़ने की वजह फूड आइटम्स यानी खाने-पीने की वस्तुओं में दाम बढ़ना नहीं है.

WPI Inflation in January 2021: इस बार महंगाई बढ़ने की वजह फूड आइटम्स यानी खाने-पीने की वस्तुओं में दाम बढ़ना नहीं है.

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नॉन-फूड कैटेगरी में महंगाई दर पिछले महीने 4.16 फीसदी दर्ज की गई. (Representational Image)

WPI in January 2021: थोक महंगाई दर यानी थोक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि दर इस साल जनवरी में बढ़कर 2.03 फीसदी पर पहुंच गई. इस बार महंगाई बढ़ने की वजह फूड आइटम्स यानी खाने-पीने की वस्तुओं में दाम बढ़ना नहीं है. बल्कि, जनवरी में खाने-पीने की वस्तुओं के दाम घटे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2021 में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (WPI) यानी थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी की अहम वजह मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की कीमतों में आया उछाल रहा. इससे पहले, दिसंबर 2020 में थोक महंगाई दर 1.22 फीसदी और जनवरी 2020 में 3.52 फीसदी पर रही थी.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आई. हालांकि, मैन्युफैक्चर्ड वस्तुओं के दाम बढ़ गए. आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर जनवरी 2021 में शून्य से 2.8 फीसदी नीचे रही. दिसंबर 2020 में यह आंकड़ा (-)1.11 फीसदी था. इस दौरान सब्जियों की थोक महंगाई दर शून्य से 20.82 फीसदी नीचे और फ्यूल एवं इलेक्ट्रिसिटी की महंगाई दर शून्य से 4.78 फीसदी नीचे दर्ज की गई. हालांकि, आलू की थोक महंगाई (-)22.04 फीसदी रही. थोक महंगाई दर में प्राइम आर्टिकल्स यानी प्राथमिक वस्तुओं का भारांश 22.62 फीसदी है. जबकि, फूट आइटम्स की हिस्सेदारी 15.26 फीसदी है.

मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की कीमतों में तेजी

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, नॉन-फूड कैटेगरी में महंगाई दर पिछले महीने 4.16 फीसदी दर्ज की गई. जबकि, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक कीमतों में वृद्धि दर बढ़कर 5.13 फीसदी हो गई, जो कि दिसंबर 2020 में 4.24 फीसदी दर्ज की गई थी. थोक महंगाई दर इंडेक्स में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी 64.23 फीसदी है. यानी, इस कैटेगरी में कीमतों थोड़ी भी बढ़ेंगी तो इसका महगाई दर पर असर बड़ा होगा.

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खुदरा महंगाई दर 4.06% रही

इस बीच, जनवरी में खुदरा महंगाई दर 4.06 फीसदी दर्ज की गई. खुदरा महंगाई दर के आंकड़े पिछले हफ्ते आए थे. बता दें, रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों पर फैसला करते समय खुदरा महंगाई के आंकड़ों को ध्यान में रखता है.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बीते 5 फरवरी को मौद्रिक नीति घोषणा में ब्याज दरों को लगातार चौथी बैठक में अपरिवर्तित रखा. रिजर्व बैंक ने घोषणा करते हुए कहा था कि निकट-भविष्य में मुद्रास्फीति का परिदृश्य अनुकूल हुआ है.

Rbi Wpi Inflation