/financial-express-hindi/media/post_banners/3R4yNaENTgy8TXF2CCUU.jpg)
In a separate letter, World Bank President David Malpass said research director Aart Kraay would take over for Goldberg until a new permanent chief economist is hired. (Reuters)
/financial-express-hindi/media/post_attachments/XVHCcr1jyjOu9ORLpo6t.jpg)
विश्वबैंक ने 2019-20 में भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार कम होकर पांच फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है. हालांकि, उसने कहा है कि अगले साल 2020- 21 में आर्थिक वृद्धि दर सुधरकर 5.8 फीसदी पर पहुंच सकती है. विश्वबैंक की बुधवार को हाल में जारी वैश्विक आर्थिक संभावनाएं रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के ऋण वितरण में नरमी जारी रहने का अनुमान है, इसके चलते भारत की वृद्धि दर 2019-20 में पांच फीसदी और 2020-21 में सुधरकर 5.8 फीसदी रह सकती है. उसने कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र के ऋण वितरण में नरमी से भारत में घरेलू मांग पर पर काफी असर पड़ रहा है.
वर्ल्ड बैंक ने रिपोर्ट में भारत पर क्या कहा ?
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ऋण की अपर्याप्त उपलब्धता और निजी उपभोग में नरमी से गतिविधियां संकुचित हुई हैं. बता दें कि सरकार को मंगलवार को जारी आंकड़ों में 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर के पांच फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है. सरकार ने विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन को इसका कारण माना है. यह 11 साल की सबसे धीमी वृद्धि दर होगी.
रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया कि 2019 में आर्थिक गतिविधियों में खासी गिरावट आई. विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में गिरावट अधिक रही जबकि सरकारी खर्च से सरकार संबंधी सेवाओं के उप क्षेत्रों को ठीक-ठाक समर्थन मिला. उसने कहा कि 2019 की जून तिमाही और सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर क्रमश: पांच प्रतिशत और 4.5 प्रतिशत रही, जो 2013 के बाद सबसे निम्न स्तर है.
विश्वबैंक के मुताबिक, लोगों के उपभोग और निवेश में नरमी ने सरकारी खर्च के प्रभाव को नगण्य बना दिया. आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के बाकी बचे समय में भी गतिविधियों के कमजोर बने रहने की आशंका है. हालांकि, विश्वबैंक ने रसोई गैस पर सब्सिडी को क्रमिक तौर पर खत्म करने के भारत की कोशिशों की सराहना की है. उसने कहा कि एलपीजी पर सब्सिडी से काला बाजार तैयार हो रहा था और घरेलू इस्तेमाल का एलपीजी व्यावसायिक क्षेत्रों में पहुंच रहा था. सब्सिडी हटाने के कार्यक्रम से काला बाजार खत्म हुआ.
बांग्लादेश रहेगा भारत से आगे
विश्वबैंक ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2020 में 2.5 फीसदी की दर से वृद्धि करने का अनुमान व्यक्त किया. उसने कहा कि 2020 में शुल्क वृद्धि और अनिश्चितता बढ़ने से अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर कम होकर 1.8 प्रतिशत पर आ सकती है. इस दौरान यूरोप की वृद्धि दर उद्योग जगत की नरम गतिविधियों के कारण कम होकर एक फीसदी पर आ सकती है. विश्वबैंक के अनुसार, 2019-20 में पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर 2.4 फीसदी और बांग्लादेश की आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी से कुछ ऊपर रह सकती है.
विश्वबैंक ने रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण एशिया की क्षेत्रीय वृद्धि दर में क्रमिक सुधार होने का अनुमान है और घरेलू मांग में धीमे सुधार से यह 2022 में छह फीसदी पर पहुंच सकता है.