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भारत में जल्द शुरू होगा दुनिया का सबसे बड़ा COVID-19 वैक्सीनेशन, चुनाव की तरह चल रही हैं तैयारियां; जानिए पूरी डिटेल

कोविड वैक्सीनेशन की ड्राई रन प्रक्रियाए एक तरह से पूर्वाभ्यास यानी रिहर्सल की तरह है. इसमें कोविड-19 वैक्सीन आने के बाद इसे किस तरह से लगाया जाना है, इसकी तैयारियां कैसी हैं, इन सभी बातों का परीक्षण किया जाना है.

कोविड वैक्सीनेशन की ड्राई रन प्रक्रियाए एक तरह से पूर्वाभ्यास यानी रिहर्सल की तरह है. इसमें कोविड-19 वैक्सीन आने के बाद इसे किस तरह से लगाया जाना है, इसकी तैयारियां कैसी हैं, इन सभी बातों का परीक्षण किया जाना है.

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FE Online
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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 2021 के पहले दिन जानकारी दी कि हेल्थ वर्कर्स की लिस्ट तैयार हो चुकी और डॉक्यूमेंट कोविड प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए जाएंगे.

COVID-19 vaccination in India update: भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन की तैयारियां युद्धस्तर पर हैं. देश में चुनाव की तरह हेल्थ वर्कर्स, आवश्यक कर्मचारियों और चिह्नित आबादी के टीकाकरण के लिए तैयारियां की जा रही हैं. इस बाबत तैयारियों की जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर 2000 से अधिक मास्टर ट्रेनर्स के प्रशिक्षण के बाद इसी तरह की प्रक्रिया राज्य और जिले स्तर पर देश के करीब 700 जिलों में चल रही है. डॉ. हर्षवर्धन ने 2021 के पहले दिन जानकारी दी कि हेल्थ वर्कर्स की लिस्ट तैयार हो चुकी और डॉक्यूमेंट कोविड प्लेटफॉर्म पर अपलोड किए जाएंगे.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ''चुनावों की तरह तैयारियां चल रही हैं. हमें सभी मेडिकल टीम के प्रत्येक सदस्य को उसी तरह प्रशिक्षित करने की जरूरत है. यह प्रक्रिया चुनाव कराने की तरह है, जिसमें बूथ लेवल पर भी टीम प्रशिक्षित होती है.''

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देशभर में कोविड19 वैक्सीनेशन की शुरुआत के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से 2 जनवरी को ड्राई रन चलाया जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण पहले ही स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशकों और सभी राज्यों के स्वास्थ्य प्रशासकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोविड19 वैक्सीनेशन के लिए सेशन साइट पर तैयारियों की समीक्षा को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक कर चुके हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, सभी राज्यों की राजधानियों में कम से कम 3 सेशन साइट पर ड्राई रन की प्रक्रिया की जाननी है. कुछ राज्य अपने उन जिलों को भी इसमें शामिल करेंगे जो दुर्गम जगहों या कमजोर लॉजिस्टिक सपोर्ट जैसे क्षेत्रों में हैं. महाराष्ट्र और केरल अपनी राजधानियों के अलावा प्रमुख शहरों में भी ड्राई रन कर करा सकते हैं.

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ड्राई रन प्रक्रिया क्यों है जरूरी?

कोविड वैक्सीनेशन की ड्राई रन प्रक्रियाए एक तरह से पूर्वाभ्यास यानी रिहर्सल की तरह है. इसमें कोविड-19 वैक्सीन आने के बाद इसे किस तरह से लगाया जाना है, इसकी तैयारियां कैसी हैं, इन सभी बातों का परीक्षण किया जाना है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस प्रक्रिया का मकसद कोविड वैकसीन के लिए वास्तविक हालातों में को-विन ऐप के इस्तेमाल की व्यावहारिकता देखना है. इससे विभिन्न स्तर पर प्रोग्राम मैनेजर्स का भी आत्मविश्वास बढ़ेगा.

वैक्सीनेशन शुरू करने की योजना 20 दिसंबर 2020 को मंत्रालय की ओर से जारी आपरेशनल गाइडलाइंस के अनुरूप होगी. प्रत्येक तीन सेशन साइट पर संबंधित मेडिकल आफिसर प्रभारी निश्चित रूप से 25 बेनेफिशियरीज को टेस्ट करेंगे, जोकि हेल्थ वर्कर्स होंगे. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लाभार्थियों का डाटा कोविन प्लेटाफॉर्म पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं. वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेटर्स वैक्सीनेशन की प्रक्रिया, प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण और विभिन्न राज्यों में वैक्सीन देने वाले लोगों को समन्वय में अहम रोल होगा. करीब 96,000 वैक्सीनेटर्स को इसके लिए प्रशिक्षित किया गया है.

वैक्सीनेशन: दिक्कतों का भी पता चलेगा

ड्राई रन के जरिए यह भी देखा जाएगा कि कोविड वैक्सीनेशन के दौरान क्या-क्या अड़चनें आ रही हैं और उन्हें किस तरह स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, करीब 2360 प्रतिभागियों को नेशनल ट्रेनिंग आफ ट्रेनर्स में प्रशिक्षित किया गया है. जबकि 57,000 से अधिक प्रतिभागियों को 719 जिलों में जिलास्तीरय प्रशिक्षण में प्रशिक्षित किया गया है. वैक्सीन/साफ्टवेयर संबंधित किसी भी जानकारी के लिए राज्यों में राज्य हेल्पलाइन 104 शुरू की जाएगी जो सेंट्रल हेल्पलाइन नंबर 1075 के अतिरिक्त होगी. काल सेंटर एग्जीक्यूटिव की क्षमता और कुशलता को बढ़ाने के लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से कहा गया है.

मंत्रालय के अनुसार, ड्राई रन का अहम फोकस वैक्सीनेशन के बाद किसी भी संभावित प्रतिकूल प्रभाव के प्रबधंन पर होगा. मॉक ड्रिल में सघन मॉनिटरिंग और जिला स्तर पर तैयारियों और फीडबैक की समीक्षा शामिल होगी. स्टेट टास्क फोर्स केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ फीडबैक और समीक्षा साझा करेगा. 28 दिसंबर और 29 दिसंबर के बीच आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात और पंजाब के दो-दो जिलों में पहले दौर का ड्राई रन किया गया.